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Image Credits: Ravivar Vichar
जब बात भारत की महिलाओं की होती है, तो अब सिर्फ रसोई और घर तक सीमित नहीं रहती. अब ये महिलाएं बर्फ से ढके मैदानों पर हॉकी खेलती हैं, रिंग में मुक्केबाज़ी करती हैं, ओलंपिक की शूटिंग रेंज में निशाना साधती हैं, और बैडमिंटन कोर्ट पर दुनिया के नंबर-1 को हराती हैं.
हाल ही में भारत की महिला आइस हॉकी टीम ने ऐसा ही कर दिखाया — एक ऐसा खेल जो भारत में ज़्यादा प्रसिद्ध नहीं है, उसमें इतिहास रच दिया. यह सिर्फ एक पदक नहीं, बल्कि उन हजारों लड़कियों की उम्मीद है जो बड़े सपने देखती हैं.
इतिहास रचने वाला महिला आइस हॉकी टीम का ब्रॉन्ज मेडल
31 मई से 6 जून 2025 तक संयुक्त अरब अमीरात के अल-आइन में आयोजित IIHF वुमेंस एशिया कप में भारत की महिला आइस हॉकी टीम ने पांच मुकाबलों में दमदार प्रदर्शन करते हुए पहली बार ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया. यह सफलता भारतीय महिला खेलों के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ती है.
अन्य महिलाओं की हाल ही की उपलब्धियाँ
पीवी सिंधु ने हाल ही में Yonex French Open में ब्रॉन्ज मेडल जीता.
लवलिना बोरगोहेन ने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सेमीफाइनल में प्रवेश करते हुए कांस्य पदक सुनिश्चित किया.
वज़ीर सिंह और संध्या ने राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता.
स्विमर जसप्रीत सिंह ने देश-विदेश में आयोजित प्रतियोगिताओं में कई रेकॉर्ड किए.
महिला खिलाड़ियों की लगातार बढ़ती ताकत
इन सभी जीतों ने साबित कर दिया है कि भारतीय महिलाएं हर क्षेत्र में पीछे नहीं हैं — चाहे वो कोर्ट, रिंग, पानी या बर्फ हो! हर एक जीत एक संदेश है: भारत की बेटियाँ किसी भी प्रतिस्पर्धा में कम नहीं. उनका आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत और प्रतिस्पर्धात्मक भावना सचमुच प्रेरणादायक है.