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Image Credits: The/Nudge
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तकनीकी कौशल को सामाजिक बदलाव का ज़रिया बनाना ही 18 महीने लंबी इस फ़ेलोशिप का लक्ष्य है. इस महत्वाकांक्षी प्रोग्राम ने पूरे भारत के कुशल टेक्नोलॉजी कंपनियों का ध्यान आकर्षित किया है. द/ नज सेंटर फॉर सोशल इनोवेशन (The/Nudge Centre for Social Innovation) के नेतृत्व में इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप (Indian Administrative Fellowship) इन पेशेवरों को प्रमुख सरकारी विभागों के साथ लाती है. इसका मिशन है कृषि और शिक्षा जैसे ज़रूरी क्षेत्रों में डिजिटल पहलों को बढ़ावा देना, जिससे लोगों के जीवन में बदलाव आए और भारत की कुछ सबसे जरूरी सामाजिक चुनौतियों का समाधान हो सके.
इस फ़ेलोशिप को इस उद्देश्य के साथ शुरू किया गया कि सिविल सेवकों के साथ मिलकर तकनीक की समझ को सामाजिक मुद्दों का हल निकालने के लिए इस्तेमाल किया जा सके. महामारी ने कॉर्पोरेट (corporate) जगत को संकट के समय में देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया. फैलोशिप ऐसे समय में शुरू की गई थी जब सार्वजनिक प्रणालियों में डिजिटल फैसिलिटी की मांग सबसे ज़्यादा थी. द/नज इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव फेलोशिप के 18 महीनों में टेक्नोलॉजिस्ट्स राज्य की अहम परियोजनाओं पर आजीविका-केंद्रित विभागों के साथ काम करते हैं.
कर्नाटक (Karnataka) में फ़ेलोशिप का पहला कोहॉर्ट (first cohort) शुरू किया गया. दस फेलो ने 36 अहम पहलों में विकास के लिए 735 करोड़ रुपये जुटाए, जिससे लाखों लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ा. इसमें स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) में महिलाओं के लिए एक ऋण योजना स्थापित करना, डिजिटल एग्रीकल्चर के लिए एक इनोवेशन सेल, और हॉर्टिकल्चर उत्पादों के लिए एक रिटेल ब्रांड लॉन्च करना शामिल है. इसकी वजह से किसानों को फायदा मिल सकेगा. पंजाब में यह फैलोशिप चल रही है जहां फेलो युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों, कृषि के लिए जल स्थिरता, लघु उद्योग के लिए बेहतर एक्सपोर्ट बाजार लिंकेज और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने वाली ऐसी कई पहलों का समाधान ढूंढ़ने पर काम कर रहे हैं.
फेलोशिप कई विभागों को अपनी सर्विस देती है जैसे, कृषि, पशुपालन, और पर्यटन. इन क्षेत्रों में आजीविका अवसरों को बनाने और सुधारने पर ध्यान दिया जाता है. इस फ़ेलोशिप के ज़रिये शासन के काम करने के तरीके में सुधार देखा गया और सतत विकास एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दिशा मिली है. इस तरह के फ़ेलोशिप एक्सपर्ट्स को एकजुट लाती हैं, ताकि विकास को गति मिल सके.