भारतीय महिला पहलवानों ने एक बार फिर से दुनिया के सामने अपनी ताकत और कौशल का लोहा मनवाया है. गुरुवार को भारत की चार युवा महिला पहलवानों ने अंडर-17 विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में अपने-अपने भार वर्गों में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया.
इन खिलाड़ियों में अदिति कुमारी, नेहा, पुलकित, और मानसी लाथर शामिल हैं. उनकी यह जीत न केवल उनके कठिन परिश्रम का परिणाम है, बल्कि यह भारत के कुश्ती क्षेत्र में भविष्य की नई उम्मीदें भी जगाती है.
अदिति कुमारी: 43 किग्रा में स्वर्ण पर कब्जा
अदिति कुमारी ने 43 किग्रा वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए ग्रीस की मारिया लूइजा गिका को 7-0 से हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. अदिति ने इस मुकाबले में अपनी प्रतिद्वंद्वी को कोई मौका नहीं दिया और पूरे मुकाबले में अपना दबदबा बनाए रखा.
नेहा सांगवान: 57 किग्रा में जापानी चुनौती को किया ध्वस्त
57 किग्रा वर्ग के फाइनल में नेहा ने जापान की सो त्सुइत्सुई को मात देकर स्वर्ण पदक जीता. नेहा ने अपनी दुगनी टांग वाली अटैक तकनीक के साथ जापानी खिलाड़ी को कोई भी मौका नहीं दिया. नेहा के शानदार प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया कि वह इस वजन वर्ग में सबसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं.
पी. पुलकित: 65 किग्रा में रोमांचक जीत
65 किग्रा वर्ग के फाइनल में पुलकित का मुकाबला न्यूट्रल एथलीट डारिया फ्रोलोवा से हुआ. पुलकित ने मुकाबले की शुरुआत में 5-0 की बढ़त बना ली थी, लेकिन बाद में कुछ प्वाइंट्स गंवाने के बावजूद पुलकित ने अंत के 20 सेकंड्स में बेहतरीन बचाव करते हुए मुकाबला 6-3 से अपने नाम कर लिया.
मानसी लाठेर: 73 किग्रा में स्वर्णिम सफलता
73 किग्रा के फाइनल में मानसी लाथर ने हन्ना पिर्सकाया को हराकर शीर्ष स्थान हासिल किया. मानसी ने इस मुकाबले में बेहतरीन तकनीक और आत्मविश्वास के साथ जीत हासिल की, जिससे उन्होंने अपनी कुश्ती प्रतिभा का लोहा मनवाया.
भारतीय पहलवानों का शानदार प्रदर्शन
भारतीय महिला पहलवानों की इस शानदार जीत के अलावा, भारत ने ग्रीको रोमन स्टाइल में भी दो bronze medal जीते. रोणक दहिया और साइनाथ पारधी (51 किग्रा) ने इस प्रतियोगिता में पोडियम पर स्थान बनाया.
भारतीय महिला पहलवानों की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि वे विश्व स्तर पर किसी से कम नहीं हैं. इन युवा खिलाड़ियों की मेहनत और समर्पण ने भारत के कुश्ती इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है. इनकी यह उपलब्धि देश के हर पहलवान के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और भारतीय कुश्ती के भविष्य को नई दिशा देगी.