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Image Credits: Ravivar Vichar
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मेघालय के शांत पहाड़ों में गूंजने वाली एक खौफनाक घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया. यह मामला था raja raghuvanshi murder case का, जिसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हत्या का मास्टरमाइंड कोई बाहरी दुश्मन नहीं, बल्कि उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी निकलीं.
Indore News: इंदौर निवासी राजा रघुवंशी अपनी पत्नी सोनम के साथ हनीमून पर मेघालय गए थे. लेकिन वहां जो हुआ, वह बेहद दर्दनाक था. मेघालय पुलिस के अनुसार, सोनम ने ही अपने पति की हत्या की साजिश रची और सुपारी देकर हत्या करवाई.
डीजीपी आई नोंगरंग के मुताबिक, सोनम ने खुद अपने घर कॉल कर जानकारी दी थी, जिसके बाद गाजीपुर (UP) में उसे पकड़ा गया. इस मामले में सोनम सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
जब कोई महिला किसी पुरुष के खिलाफ अपराध करती है, जैसा इस indore murder case में हुआ, तो कुछ लोग उसे "नारी सशक्तिकरण" या "पितृसत्ता के खिलाफ प्रतिशोध" मान लेते हैं. लेकिन क्या यह नजरिया सही है?
क्या अगर एक पुरुष महिला की हत्या करे, तो हम उसे भी सिर्फ "लैंगिक अपराध" (Gender Crime) कहेंगे? नहीं. उसी तरह, सोनम रघुवंशी का यह कृत्य भी सिर्फ एक पुरुष के खिलाफ महिला का गुस्सा नहीं था.
यह एक योजनाबद्ध, निर्मम और शातिर हत्या थी — इसमें लिंग का कोई स्थान नहीं है. यह एक Human Crime है.
अगर हम हर अपराध को सिर्फ लिंग के चश्मे से देखेंगे, तो हम मानव प्रवृत्ति जैसे लालच, गुस्सा, ईर्ष्या, अहंकार, और क्रूरता को नजरअंदाज़ कर देंगे.
Human Crime शब्द हमें यह समझने में मदद करता है कि अपराध किसी के भी अंदर पनप सकता है — चाहे वह महिला हो, पुरुष हो, या कोई और. यह सोच न्याय व्यवस्था को संतुलित बनाती है और अपराधी को उसके लिंग से नहीं, उसके काम और नीयत से आंकती है.
अक्सर ऐसी हत्याएं अति महत्वाकांक्षा, मानसिक असंतुलन, या टॉक्सिक रिलेशनशिप्स की वजह से होती हैं. अपराध शास्त्र के जानकार बताते हैं कि जब व्यक्ति की सोच पर ईर्ष्या, कंट्रोल की भावना या क्रोध हावी हो जाता है, तो वह सही-गलत की पहचान खो बैठता है.
इस केस में भी सवाल यह नहीं है कि सोनम महिला थीं — सवाल यह है कि क्या एक इंसान ने दूसरे इंसान को जानबूझकर धोखा दिया और उसकी जान ली?
राजा रघुवंशी की हत्या एक मानवीय त्रासदी है — इसे सिर्फ महिला बनाम पुरुष के नजरिए से देखना इस मामले की गंभीरता को कम करना है.
हमें यह समझना होगा कि
🔹 अपराध का चेहरा इंसानी होता है, न कि लैंगिक.
🔹 इंसाफ लिंग देखकर नहीं, सच्चाई देखकर होना चाहिए.
🔹 अपराध के पीछे की मानसिकता को समझना जरूरी है, न कि सिर्फ लिंग आधारित राजनीति करना.
इसलिए, इस हनीमून मर्डर केस को Gender Crime नहीं, Human Crime कहा जाना चाहिए.