New Update
/ravivar-vichar/media/media_files/LDYYbzTDoHETLJx9gu5Z.jpg)
Image credits: Google Images
Image credits: Google Images
कौन कहता है की अगर आपको कोई बिमारी हो तो आप आगे नहीं बढ़ सकते, क्योंकि आपकी बिमारी वो रोड़ा बन जाती है जो रास्ते में बार बार आता है. लेकिन हम हमेसुहाएक बात भूल जाते है कि हमारे देश में असीम प्रतिभाएं है जो रुकने को तैयार नहीं है.
ऑटिस्म, एक ऐसी बिमारी जो जीन डिसऑर्डर है. इस बिमारी का कुछ भी नहीं किया जा सकता. बच्चों में यह बीमारी देखने को मिलती है और डॉक्टर भी इस बिमारी को सही करने में असमर्थ है. माँ बाप हार मान जाते है, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे होते है जो हर नहीं मानते और उन्ही बच्चों में से एक है जिया राय.
जिया राय उन कुछ बच्चों में से एक है जिन्हें इस बिमारी के साथ जीना पड़ रहा है. लेकिन फिर भी हार मानना तो भारतीय लड़की के जीवन में होता ही नहीं है. मात्र 16 साल की उम्र में, जीया राय ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसे पाना हर किसी के बस की बात नहीं. जीया सबसे कम उम्र की पैरा तैराक बन गई हैं, जिन्होंने इंग्लिश चैनल पार किया है.
जिया न केवल सबसे युवा हैं, बल्कि दुनिया की सबसे तेज पैरा तैराक भी हैं, जिन्होंने यह अद्भुत कारनामा 28-29 जुलाई को पूरा किया. उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया है. जिया ने इंग्लिश चैनल को इंग्लैंड के एबॉट्स क्लिफ़ से फ्रांस के पॉइंट डे ला कोर्ट-ड्यून तक 17 घंटे और 25 मिनट में पार किया. यह सफर उनके साहस और मेहनत का प्रमाण है.
अपनी इस यात्रा में जीया ने कुल 34 किलोमीटर की दूरी तैर कर तय की. इतनी लंबी दूरी को तैर कर पार करना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन जीया ने इसे सफलतापूर्वक कर दिखाया. इतनी कम उम्र में इस अद्वितीय उपलब्धि को हासिल कर जीया ने साबित कर दिया कि सपनों की उड़ान को कोई नहीं रोक सकता. उनकी यह उपलब्धि हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
जीया राय की यह प्रेरणादायक कहानी हमें यह सिखाती है कि यदि मन में दृढ़ संकल्प हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है. जीया की मेहनत, समर्पण और धैर्य ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है और वे आने वाले समय में और भी ऊँचाइयाँ छूएंगी.
जीया राय की यह कहानी हर किसी के लिए प्रेरणा है, और हमें यह याद दिलाती है कि कुछ भी असंभव नहीं है, बस हमें अपने सपनों को साकार करने के लिए मेहनत और हिम्मत करनी चाहिए.