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Image Credits: Dainik Bhaskar
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स्वयं सहायता समूहों के ज़रिये ग्रामीण महिलाओं को आजीविका से जोड़ने वाली गतिविधियों में सम्मिलित कर सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. बिहार में गया जिले के डोभी प्रखंड में स्थित जीविका वीमेन इनिशिएटिव रिन्युएबल एनर्जी एंड सॉल्यूशन (जे-वायर्स) इसी लक्ष्य को पाने की दिशा में एक अनोखा प्रयास है. महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2020 में जे-वायर्स को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में शुरू किया गया और ये प्रदेश में इस प्रकार की पहली कंपनी बन गई.
जे-वायर्स एक निर्माता, व्यापारी,असेंबलर,और सिस्टम इंटीग्रेटर कंपनी है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर उत्पाद की फील्ड में काम करती है. इसमें शेयर होल्डर 60 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं हैं. इनमें 25 जीविका दीदियां ट्रेनिंग के बाद तकनीकी सहायक बन एलईडी बल्ब असेम्बली का काम करती हैं. जे-वायर्स के संचालन के लिए 15 कर्मियों को रखा गया. जीविका वीमेन इनिशिएटिव रिन्युएबल एनर्जी एंड सॉल्यूशन द्वारा सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने की लिए भी काम करती है. महिलाओं के जे-वायर्स ब्रांड के तहत बने एलईडी बल्ब बेहतर गुणवत्ता वाले होने के साथ कम बजट में मिलते हैं.
बिहार में जे-वायर्स की 5 जिलों (गया, नवादा, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण और भोजपुर) के 57 प्रखंडों में 341 सौर दुकानें चलाई जा रही हैं. 341 सौर दुकानों में 192 में एयरटेल पेमेंट बैंक सीएसपी (ई-सेवाएं) की सुविधा भी मौजूद है. जीविका दीदियों को इन सौर दुकानों से रोज़गार का एक साधन मिला. महिला उद्यमिता को बढ़ावा देते हुए इस साल सौर दुकानों की संख्या 650 तक करने का लक्ष्य रखा गया. जीविका दीदियों को जे-वायर्स के ज़रिये उद्यमिता विकास को बढ़ावा मिलने के साथ सौर दुकानों से स्वरोजगार का अवसर भी मिलेगा. महिलाओं के लिए पारंपरिक माने जाने वाले रोज़गार जैसे सिलाई, खाना पकाना, कशीदाकारी के परे कुछ अलग सीखने का मौका मिलेगा. ये दीदियां साबित कर रही हैं कि अवसर मिलने पर महिलाएं हर फील्ड में अपनी जगह बना सकती हैं.