New Update
दूध से बनी कलादी/ कलारी जम्मू कश्मीर (Kashmir) के कई जिलों में बड़े चाव से खाई जाती है. यह कश्मीर का एक पारंपिक पकवान है, जो हर समारोह में ज़रूर परोसा जाता है. उधमपुर जिले की प्रसिद्ध कलारी को अगले सप्ताह श्रीनगर (Srinagar) में आयोजित होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में एक विशेष डोगरा व्यंजन के रूप में परोसा जाएगा.
वैश्विक स्तर पर कलारी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर द्वारा यह पहल की गई है. उधमपुर जिले की महिलाएं दशकों से कलारी बना रही हैं. इसे बाजार में बेचकर अपना जीवनयापन कर रही हैं. लेकिन उन्होंने अभी तक राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल नहीं की है.
जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन (उम्मीद) (Kashmir Grameen Ajeevika Mission) ने कलारी को फेमस बनाने की लिए यह फैसला लिया. आजीविका मिशन से जुड़ने के बाद, महिलाएं ज़्यादा पैसा कमाती हैं. कई महिलाएं, उधमपुर जिले के धीरन गांव में, स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups-SHG) से जुड़ कर, घर पर बड़ी मात्रा में कलारी तैयार करती हैं. उन्हें अपनी मेहनत का अच्छा मूल्य मिल रहा है.
स्वयं सहायता समूह की सदस्य और कलारी बनाने वाली सोनिया राजपूत ने कहा कि वे सभी बहुत रोमांचित हैं कि उनकी कलारी अब तेजी से अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त कर रही है. ये महिलाएं फिलहाल, श्रीनगर में होने वाली G20 बैठक के लिए बड़ी संख्या में कलारी तैयार कर रहे हैं.
स्वयं सहायता समूह से जुड़कर ये महिलाएं ज़्यादा मुनाफ़ा कमा पाएंगी, घर बैठे, अपने कौशल के हिसाब से, रोज़गार शुरू कर सकेंगी. पारंपरिक खान-पान को बढ़ावा देने वाली पहलों से स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा.