DBT के ज़रिए कर्नाटक में होगा विकास का लक्ष्य पूरा

DBT के तहत कई तरह की सामाजिक कल्याण योजनाओं का फायदा और सब्सिडी सीधे पात्र लोगों के खाते में भेजी जाती है. कर्नाटक सरकार ने हाल ही में DBT प्रणाली को लागू करने का फैसला लिया. लक्ष्य था राज्य में वेलफेयर गतिविधियों को बढ़ावा देना. 

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मिस्बाह
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Image Credits: Ravivar vichar

विकास को देश के कोने कोने तक पहुंचाने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं लागू करती है. लोगों की मदद का ऐसा ही एक तरीका है डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT). DBT (Direct Benefit Transfer) के तहत कई तरह की सामाजिक कल्याण योजनाओं का फायदा और सब्सिडी (subsidy) सीधे पात्र लोगों के खाते में भेजी जाती है, जिससे समय की बचत होती है, ट्रांसपरेंसी (transparency) बढ़ती है, और बीचवानों की भूमिका ख़त्म होती है जिससे धोखा-धड़ी का दर नहीं रहता. कर्नाटक (Karnataka) सरकार ने हाल ही में DBT प्रणाली को लागू करने का फैसला लिया. लक्ष्य था राज्य में वेलफेयर गतिविधियों को बढ़ावा देना. 

DBT प्रणाली के ज़रिये बैंक खातों में डायरेक्ट ट्रांसफर कर, सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस फ्रेमवर्क (Digital Governance Framework) को अपनाने का फैसला लिया. कर्नाटक सरकार का उद्देश्य भ्रष्टाचार को कम करना, गैप को दूर करना और सामाजिक कल्याण (Social Welfare) कार्यक्रमों की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाना है. कर्नाटक में DBT की शुरुआत से सब्सिडी, छात्रवृत्ति, पेंशन और दूसरी कल्याणकारी योजनाओं के वितरण में क्रांतिकारी बदलाव आएगा. यह प्रणाली लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे भुगतान की सुविधा देगी, जिससे उन्हें जल्दी और आसानी से राशि प्राप्त करने में मदद मिलेगी. 

इस कदम से कल्याणकारी लाभ वितरित करने, लाभार्थियों (beneficiaries) को सशक्त (empower) बनाने और पारंपरिक, अक्सर अक्षम, मैन्युअल प्रक्रियाओं पर निर्भरता कम करने के तरीके में एक आदर्श बदलाव लाने की उम्मीद है. तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने DBT को अपनाया और बदलाव भी देखा. दुसरे राज्यों के सफल मॉडल से कर्नाटक सरकार को मदद मिलेगी. 

कर्नाटक में DBT के ज़रिये समाज के वंचित वर्गों के लिए वित्तीय समावेशन और पहुंच में बढ़ोतरी होगी. कल्याणकारी कार्यक्रमों को आधार, बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली से जोड़कर, राज्य सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सब्सिडी और लाभ बिना किसी चोरी के लक्षित लाभार्थियों तक पहुंचे. यह कदम लाभार्थियों का डेटाबेस बनाने में भी मदद करेगा. नीति निर्माताओं को नीतियां बनाने और उसकी प्रगति पर बेहतर तरीके से निगरानी करने में भी मदद मिलेगी. 

कर्नाटक में DBT के लागू होने से, भारत को डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र बनाने के केंद्र सरकार के लक्ष्य को पूरा करने में भी मदद मिलेगी. यह कदम पारदर्शिता, वित्तीय समावेशन और डिजिटल इंडिया (Digital India) के लक्ष्यों का समर्थन करते हुए आर्थिक आज़ादी की नींव को मजबूत करता है. इससे प्रेरणा लेकर, दूसरे राज्य भी DBT के ज़रिये सशक्तिकरण की मुहिम को गति दे सकते हैं. 

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