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केरेला (Kerela) में नारियल (coconut) कई लोगों के रोज़गार का ज़रिया है. उनके रोज़गार को बढ़ावा देने और उन्हें मुनाफा कमाने में मदद करने लिए राज्य सरकार के कृषि विभाग (agriculture department) ने ज़रूरी कदम उठाया है. कच्चे नारियल की खरीद में आने वाली वित्तीय बाधाएं अब कम हो सकेंगी. विभाग ने केरल स्टेट को-ऑपरेटिव फेडरेशन फॉर कोकोनट फार्मिंग (Kerafed) और केरल स्टेट को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (Marketfed) को कुल मिलाकर 3 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
केराफेड स्वयं सहायता समूहों (Self Help Group) और वेजिटेबल एंड फ्रूट प्रमोशन कॉउंसिल केरलम (VFPCK) से संबंधित सहकारी समितियों को हैंडलिंग चार्ज बकाया का निपटान करने की सुविधा प्रदान कर सकेगा, जो नारियल की खरीद कर रहे हैं.
यह कदम उन समय आया है जब वीएफपीसीके (VFPCK) ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) और सहकारी समितियों द्वारा लंबित भुगतान की वजह से नारियल की खरीद में चुनौतियों को दूर करने के लिए कदम उठाया था. वीएफपीसीके ने केराफेड की बकाया राशि को कवर करने के लिए लोन दिया था. केराफेड से लंबित भुगतान प्राप्त होने पर, SHG और सहकारी समितियों से वीएफपीसीके के साथ लोन चुकाने की उम्मीद की जा रही है. SHG और सहकारी किसान बाजारों के लिए बकाया हैंडलिंग शुल्क अक्टूबर 2022 से जमा हो रहा है, जिसकी कुल राशि लगभग 9 करोड़ रुपये है. इस पहल से किसानों और स्वयं सहायता समूहों को फायदा मिल सकेगा .