देशभर में स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं उद्यमिता की ओर क़दम बढ़ा रही हैं. इन महिलाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने उत्पाद को मार्केट तक पहुंचाना है. इस चुनौती से निपटने के लिए, तामिलनाडु के तेनजावुर के जिला प्रशासन ने एक पहल की. तेनजावुर जिले में विभिन्न महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये गए उत्पादों की बिक्री को उसके ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने 'माथी अंगाड़ी' के नाम से एक मार्केटिंग चैनल बनाया. अलग-अलग समूहों से जुड़ी महिलाएं अपने उत्पादों को इस चैनल के माध्यम से प्रोमोट करती हैं. पहले साल में "माथी अंगाड़ी" की मदद से समूहों को अच्छा फ़ायदा हुआ.
यह सुविधा तेनजावुर जिले की महिला SHG के फ़ायदे के लिए शुरू की गई थी, जो जिला प्रशासन के कहने पर "तंजई थरगाइगल" बैनर के अंतर्गत एक हुईं. भारतीय रेलवे द्वारा शुरू किये गए 'एक रेलवे स्टेशन, एक उत्पाद' योजना से जुड़ने के लिए ये महिलाएं साथ आईं जो स्थानीय कारीगरों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए एक मार्केटिंग प्लैटफॉर्म देता है. तेनजावुर रेलवे जंक्शन पर 'थंजई थरगाइगल' द्वारा स्थापित 'माथी अंगाड़ी' नामक 'कियोस्क' ने जून 2022 से अब तक लगभग ₹11.25 लाख की बिक्री की है. इस बीच, गांधी सलाई पर महिला SHG फेडरेशन द्वारा पहला रिटेल आउटलेट शुरू किया गया जिसका ज़िक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में किया था. SHG के इस रिटेल आउटलेट ने जमकर मुनाफ़ा कमाया और पहले साल में ₹25.94 लाख की बिक्री की.
दो और 'माथी अंगाड़ी' आउटलेट ग्रैंड एनीकट परिसर में और पुन्नैनल्लूर में मरीअम्मन मंदिर के पास खोले गए. इन दोनों इकाइयों ने 6.11 लाख रुपये और 7.60 लाख रुपये की बिक्री दर्ज की है. कलेक्टर दिनेश पोनराज ओलिवर ने गांधी सलाई पर माथी अंगाड़ी की प्रगति का निरीक्षण करने के बाद दावा किया कि जिस लक्ष्य से मार्केटिंग प्लेटफॉर्म शुरू किया गया था, वह हासिल हो गया है.
'माथी अंगाड़ी' की वजह से भीड़-भाड़ वाले इलाकों में SHG महिलाओं की दुकानें खोल कम लागत में मार्केटिंग हो सकीय और ग्राहकों तक उन्हें पहुंच मिली. इससे आम जनों के बीच उनके उत्पाद लोकप्रिय बने हैं. इस पहल से SHG महिलाओं के बिज़नेस को सफ़लता मिली. ऐसी पहल ओर भी प्रदेशों में होनी चाहिए जिससे SHG महिलाओं के उत्पादों को आसानी से मार्केट मिल सके और उनके उत्पाद लोकप्रिय बनें.