मध्य प्रदेश के मुख्यामंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार ऐसे प्रयास करते रहते है जिससे महिलाओं को एक मंच मिले और वे अपनी कहानियां जनता तक पहुंचा सकें. उन्होंने स्वयं सहातया समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य में अनगिनत कार्य किये है. जो महिलाएं अभी तक इन समूहों से नहीं जुड़ी है, मुख्यमंत्री उन्हें भी SHGs में साथ आगे बढ़ने के लिए कहते रहते है. ऐसी बहुत सी महिलाएं है जो SHG के साथ जुड़कर आज स्वयं का रोज़गार शुरू कर चुकी है और अच्छीखासी राशि भी कमा रही है. महिलाओं ने समूहों में जुड़कर और आर्थिक अनुदान सहायता राशि पाकर खुद के बलबूते पर सिलाई, कपड़ा, बीड़ी, अगरबत्ती-मोमबत्ती, दोना पत्तल और पापड़ बनाने जैसे कई रोजगार आसानी से शुरू किए हैं. इसके अलावा अन्य लघु उद्योगों को स्थापित करते हुए भी अन्य कमजोर वर्ग की महिलाओं को रोजगार से जोड़कर औरों के लिए मिसाल पेश की.
ऐसी ही एक महिला है, दमोह के बटियागढ़ तहसील के बसिया गांव की रहने वाली रामसखी. कुबेर स्वयं सहायता समूह में जुड़ने के बाद उन्हें शासन द्वारा दी गई अनुदान राशि का उपयोग पशुपालन करने के लिए किया. उन्होंने खुद की डेयरी शुरू की और अब एक दिन में 440 रुपये कमा लेती हैं. उनके परिवार के सदस्य भी इस कार्य से काफी खुश हैं. रामसखी ने ग्रामीण आजीविका मिशन योजना से लाभ पाकर मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया. Self Help Group से जुड़ी कितनी महिलाएं है जो अपने रोज़गार को बहुत बढ़ा चुकी है और अपने परिवार की सहायता कर रही है. मध्यप्रदेश की ये महिलाएं पुरे देश के लिए मिसाल है. हर महिला अपने जीवन को खुशहाल बनाने का हक़ रखती है और हमारी सरकार भी उनकी पूरी तरह मदद कर रही है.