बचपन में गाय पर निबंध लिखने से लेकर पूजा में उसे प्रसाद खिलने तक, बच्चों को सीखा दिया गया है कि 'गाय हमारी माता है'. फिर भी हमें यहाँ प्राणी सड़क पर बहुत बुरे हालातों में देखने को भी मिल जाता है. मध्यप्रदेश की सरकार ने गौमाता को ध्यान में रखते हुए खरगोन में पहली बार 'गौ एंबुलेंस' शुरू करने का फैसला किया है. ये एंबुलेंस पूरी तरह गायों की सेवा के लिए रहेगी. एंबुलेंस के जरिये सड़क पर बीमार या जख्मी पड़ी गायों को उठाकर अस्पताल पहुंचाया जाएगा. फ़िलहाल बीमार या दुर्घटना में घायल गायों को अस्पताल पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. अधिकांश मामलों में उनकी मौत हो जाती है. लेकिन अब एंबुलेंस के जरिये 100 किमी में गायों को तत्काल एंबुलेंस के जरिए इलाज मिल सकेगा. कलेक्टर अशोक वर्मा ने पशु रोगी कल्याण समिति के तहत 10 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं.
MP Cow Promotion Board के उपाध्यक्ष संतोष जोशी ने कलेक्टर से भेंट कर सहयोग देने का आश्वासन दिया व व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू करने की बात कही. एक एलईडी स्क्रीन भी रहेगी जिससे ये वाहन दूरस्थ गांव में जाकर पशु पालकों को जागरूक करेंगे. गोवंशों (Cattle) की विशेष देखभाल के लिए महेश्वर व बड़वाह में 400-400 एकड़ जमीन पर Cow Sanctuary बनेगी. नस्ल सुधार कार्यक्रम, गो-मूत्र आधारित औषधियों का निर्माण, भारतीय गो-वंशीय नस्लों का संरक्षण आदि कामों को चरणों में लागू करेंगे. प्रशिक्षित डॉक्टर व कर्मचारी सेवा में तैनात रहेंगे. जल्द ही हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये जाएंगे. स्वयं सहातया समूह (SHG) भी इस कार्य में सरकार की मदद कर सकेंगे. देश में किसी भी काम को ज़मींनी स्तर पर लागु करने का कार्य self help groups की महिलाओं से अच्छा कोई और नहीं कर सकता. इस पहल के लिए भी SHGs की महिलाएं आगे आकर कार्य संभालेंगी.