गोवा में मत्स्य सम्पदा योजना के फ़ायदे

देश के सबसे बढ़िया हॉलिडे डेस्टिनेशंस में से एक गोवा की राजधानी पणजी, में हाल ही 'प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना' (PMMSY) के तहत राज्य की नदियों में चोनक और पोम्फ्रेट जैसी उच्च मूल्य वाली मछली उगाने वाले पिंजरे स्थापित किए गए.

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रिसिका जोशी
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Goa fisherman

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देश के सबसे बढ़िया हॉलिडे डेस्टिनेशंस में से एक गोवा की राजधानी पणजी, में हाल ही 'प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना' (PMMSY) के तहत राज्य की नदियों में चोनक और पोम्फ्रेट जैसी उच्च मूल्य वाली मछली उगाने वाले पिंजरे स्थापित किए गए. इस योजना से मछुआरों और मछली किसानों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. इन मछुआरों को सुरक्षा किट, नाव और जाल, जहाजों और खुद के लिए बीमा भी प्रदान किया गया. मत्स्य निदेशक शमीला मोंटेइरो बताया- "हम मछली किसानों को पांच साल के लिए जलाशय में एक क्षेत्र दे रहे हैं, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है, जहां वे मछली पालन कर सकते हैं."

2016-17 में स्थानीय युवाओं के बीच रोजगार पैदा करने के लिए मत्स्य विभाग द्वारा एक पायलट परियोजना शुरू करने के बाद, गोवा में खुले समुद्र में पिंजरा पालन, जलाशय पिंजरे की संस्कृति और मैंग्रोव केकड़ा कलम संस्कृति को शुरू किया गया. वर्षों से, जबकि नीली क्रांति योजना के तहत खुले समुद्र में पिंजरों की स्थापना की जा रही थी, निजी पार्टियों या व्यक्तियों द्वारा परियोजना में व्यक्त की गई रुचि कछुआ गति से आगे बढ़ रही थी. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं भी इस परियोजना का लाभ उठाने में सक्षम बन रही है.

एक स्वयं सहायता समूह (SHG) ने 2020-21 में और दूसरे ने 2021-22 में इस परियोजना से जुड़े. इस साल तीन स्वयं सहायता समूहों ने इस परियोजना को अपनाया. PMMSY योजना के तहत, केंद्र सरकार ने 19.5 करोड़ रुपये इस योजना के लिए जारी किए. गोवा सरकार की तरह से मछुआरों के लिए उठाया गया यह कदम सराहनीय है. महिआएं जिनका परिवार मछली पालन से चल रहा है उनके लिए इस परियोजना में बहुत से फ़ायदे शामिल है. गोवा स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए यह एक बड़ी पहल साबित होगी.

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