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स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना हैं कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता (hygiene) का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, किसी भी तरह की लापरवाही समस्याएं बढ़ा सकती है. इसी विषय पर जागरूकता बढ़ाने के लिए 'उदिता योजना' (Udita Yojna) के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) ने अंतर्राष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (International Menstrual Hygiene Day) मनाने के लिए एक ट्रेनिंग और जागरूकता कार्यक्रम (training-cum-awareness programmes) आयोजित किया. कार्यक्रम को विभिन्न प्रोजेक्ट स्तरों पर आयोजित किया गया, जहां विभिन्न क्षेत्रों में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए सीडीपीओ जिम्मेदार रहे.
मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन ट्रेनिंग और जागरूकता कार्यक्रम दो भागों में आयोजित किया गया. पहले भाग में किशोरियों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर और दूसरे भाग में महिलाओं और लड़कियों के लिए प्रशिक्षण-सह-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये. प्रशिक्षण कार्यक्रम में किशोरी बालिकाएं, शौर्य दल के सदस्य, महिला स्वयं सहायता समूह के सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने भाग लिया. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मासिक धर्म स्वास्थ्य, मासिक धर्म चक्र, और स्वास्थ्य समस्याओं पर बात हुई.
उदिता योजना के तहत किशोरियों के मासिक धर्म स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जाता है. योजना किशोरियों के पोषण और स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच बनाकर किशोरियों को अलग-अलग गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है. 18 से 49 वर्ष की सभी किशोरियां और महिलाएं इस योजना से लाभ उठती हैं.
पीरियड्स (periods) पर आज भी खुलकर बात नहीं की जाती. इस विषय पर जागरूकता फैलाना किशोरियों और महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है, ताकि उन्हें स्वास्थ्य समस्याओं का सामना न करना पड़े. इस तरह के कार्यक्रम मासिक धर्म पर चुप्पी तोड़ने और जागरूकता बढ़ाने
में मदद करते हैं.