डेलॉइट टौश तोहमात्सु लिमिटेड (Deloitte Touche Tohmatsu Limited), जिसे लोकप्रिय रूप से डेलॉइट के नाम से जाना जाता है, एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है. ये एक अंतरराष्ट्रीय पेशेवर सेवा नेटवर्क है जिसका मुख्यालय लंदन, इंग्लैंड में है. डेलॉइट दुनिया में राजस्व और पेशेवरों की संख्या के हिसाब से सबसे बड़ा पेशेवर सेवा नेटवर्क है. डेलॉइट ने 2023 वीमेन @ वर्क रिपोर्ट (2023 Women @ Work Report) जारी की. यह रिपोर्ट 10 देशों में 5,000 महिलाओं के सर्वे पर आधारित है, जिसमें 500 भारतीय महिलाएं शामिल हैं. हाल में, कार्यस्थल पर महिलाओं को प्रगति करते देखा गया, लेकिन, कई चीज़ों को लेकर हालात पेहले से बिगड़े पाए गए.
सर्वे बताता है कि भारत में महिलाओं ने 2022 की तुलना में 2023 में कम भेद-भाव करने वाले व्यवहार का अनुभव किया. जिन लोगों ने इस तरह के व्यवहार का अनुभव किया, उन्होंने माइक्रो एग्रेशन (micro agression) की रिपोर्टिंग दोगुनी से अधिक बताई. महिलाओं को लीडरशिप रोल (leadership roles) न मिलने, या मीटिंग, निर्णयों और बातचीत के दौरान शामिल न किये जाने के मामलों में भारी गिरावट देखी गई. विश्व और भारत के स्तर पर तनाव और बर्नआउट (burnout) का लेवल ज़्यादा देखा गया, पर अच्छी बात यह रही कि भारत में, कार्यबल का युवा वर्ग कार्यस्थल में मानसिक स्वास्थ्य (mental health) के बारे में बात करने में काफी सहज है.
हाइब्रिड मोड (hybrid mode) में काम कर रहीं 37% महिलाओं ने मीटिंग, निर्णयों, या बातचीत के दौरान मुश्किलों और एक्सक्लूशन (exclusion) का अनुभव किया, और 30% का कहना है कि टॉप लीडर्स तक उनकी पर्याप्त पहुंच नहीं है. भारत में 59% महिलाएं बच्चा संभालने (childcare) को और 48% सफाई जैसे घरेलू कार्यों को अपनी प्राथमिक ज़िम्मेदारी (primary responsibility) मानती हैं, जबकि वैश्विक स्तर (global level) पर केवल 46% महिलाएं चाइल्डकैअर को और 42% सफाई जैसे कामों की ज़िम्मेदारी को महिलाओं की प्राथमिकता मानती हैं. सर्वे में शामिल कई कामकाजी महिलाएं मासिक धर्म (menstruation) और मेनोपॉज़ (menopause) से संबंधित स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रही हैं. उनमें से, 33% से ज़्यादा ने स्वीकारा कि वे पीरियड्स (periods) के दौरान दर्द होते में काम करती हैं और 18% मेनोपॉज़ से संबंधित लक्षणों में काम करती हैं. लगभग एक चौथाई महिलाओं ने इन कारणों को बिना बताए छुट्टी ली.
भारत में 70% से ज़्यादा महिलाओं का कहना है कि उनके पुरुष साथी घर में प्राथमिक कमाने वाला है. वर्ष 2020 की तुलना में 2021 में ज़्यादा महिलाओं ने नौकरी छोड़ी है. काम के घंटों में छूट न मिलना या समय में बदलाव न होना, नौकरी छोड़ने की सबसे बड़ी वजह बनी. जेंडर इक्वलिटी लीडर के साथ काम करने वाली महिलाओं ने अपने आर्गेनाईजेशन को दूसरो को रेफेर किया है.
सर्वे के अनुसार, महिलाओं की भागीदारी में अच्छा बदलाव देखा गया, पर अभी भी स्वास्थ्य, हाइब्रिड मोड, और तनाव जैसे कारकों पर काम करने की ज़रुरत है. कार्यस्थल (workplace) को महिलाओं के अनुकूल बनाने से ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को नौकरी छोड़ने से रोकने में मदद मिलेगी, और युवा आकर्षित होंगे.