देश में महिला सशक्तिकरण पर सरकार का सबसे ज़्यादा ज़ोर है. राज्य सरकारें भी अपने प्रदेश की महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर समय नयी परियोजनाएं और प्लान्स लाती रहती है. ओडिशा भुवनेश्वर में मिशन शक्ति विभाग ने 7 मिलियन महिलाओं को 6 लाख स्वयं सहायता समूहों (SHG) में संगठित किया. महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री, बसंती हेम्ब्रम ने कहा- " पहली बार self help groups को दिया गया ऋण 11,000 करोड़ के पर गया है. यह कार्य 8 साल के अवधि में किया गया है. भुवनेश्वर में पिछले चार वर्षों में रु. 4 लाख से अधिक SHGs के बैंक खातों में सीधे 587 करोड़ रुपये डाले गए."
ऐसे लोगों तक पहुंचने के लिए जिनके पास बैंक सुविधाएं नहीं है 'मिशन शक्ति' (Mission Shakti) के द्वारा 2318 से अधिक SHG महिलाओं को BC (Banking Correspondents) के रूप में ओडिशा भर में बिना बैंक वाले ग्राम पंचायतों में रखा है, जिनका पिछले वर्ष के दौरान 1159 करोड़ रुपये का कारोबार था और उनकी आय 3.68 करोड़ रुपये थी. राज्य भर में मिशन शक्ति कैफे SHG महिलाओं के लिए रोजगार का एक अच्छा स्रोत होने के साथ-साथ लोगों को घरेलू वातावरण में स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान करते हैं. SHG द्वारा 1,147 बाजर स्थापित किए गए हैं, जो स्वस्थ और टिकाऊ खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा दे रहे हैं. 13501 जीपी टैंकों में 13,431 SHGs द्वारा मछलीपालन से रुपये का कारोबार हुआ है. ओडिशा में सरकार महिलाओं के लिए जितनी प्रयास कर रही है, वह सच में सराहनीय है. महिला सशक्तिकरण देश के विकास की नीव है. राज्य हो या केंद्रीय सरकार, देश में महिलाओं को आगे बढ़ाने में कोई भी पीछे नहीं है.