मिशन शक्ति से मिली मुसीबत से निपटने की शक्ति

महिलाओं को रोज़गार और लीडरशिप के अवसर देकर सशक्त करने के बाद, अब एक ऐसा फंड बनाने की तैयारी की जिससे महिलाओं को आपातकालीन स्थिति में आर्थिक मदद मिल सकेगी. आकस्मिक मृत्यु, अचानक बीमार पड़ने, या बड़ी चोट लगने की स्थिति में SHG के सदस्यों को सहायता मिलेगी.

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मिस्बाह
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ओडिशा का 'मिशन शक्ति' (Mission Shakti) सिर्फ कार्यक्रम नहीं, महिलाओं के लिए क्रांति है. आज मिशन शक्ति के तहत छह लाख से ज़्यादा स्वंय सहायता समूह (Self Help Group) हैं जिसमें करीब 70 लाख महिला सदस्य हैं. इतना ही नहीं, 70 % महिलाएं जिला पंचायत की मुखिया हैं. इससे ओडिशा (Odisha) में चल रहे इस मिशन की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है. इस मिशन को और आगे बढ़ाते हुए सरकार ने एक अहम फैसला लिया. महिलाओं को रोज़गार और लीडरशिप के अवसर देकर सशक्त करने के बाद, अब एक ऐसा फंड बनाने की तैयारी की जिससे महिलाओं को आपातकालीन स्थिति (emergency fund) में आर्थिक मदद मिल सकेगी. राज्य सरकार ने इसके लिए एक समर्पित कोष बनाने का निर्णय लिया है. 

आकस्मिक मृत्यु, अचानक बीमार पड़ने, या बड़ी चोट लगने की स्थिति में महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) के सदस्यों को सहायता मिलेगी. मिशन शक्ति आयुक्त सह सचिव सुजाता आर कार्तिकेयन ने ये खबर साझा की. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मिशन शक्ति विभाग की उपलब्धियां साझा की. मुख्यमंत्री राहत कोष (CMRF) की तर्ज पर अगले कुछ महीनों में एक समर्पित कोष बनाया जाएगा जो ज़रुरत आने पर  महिला SHG सदस्यों को वित्तीय सहायता (financial help) देगा. 

उन्होंने बताया कि इतिहास में पहली बार, 2022-23 में स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट फ्लो 11 हज़ार करोड़ रुपये को पार कर गया है. यह है 

आठ साल (2014-15 से 2022-23) की अवधि में क्रेडिट फ्लो में 19 गुना बढ़ोतरी हुई है. SHG का औसत लोन साइज़ 2016-17 में 1.06 लाख से बढ़कर 3.01 लाख रुपये हो गया है. 5 लाख रुपये तक का 0 % ब्याज दर पर लोन देने के राज्य सरकार के फैसले की वजह से ये बढ़ोतरी संभव हो सकी है. 

पिछले चार सालों में, 4 लाख SHG के बैंक खातों में 587 करोड़ लौटाये गये हैं. इसका लक्ष्य महिलाओं के रोज़गारों को छोटे उद्यमों में बदलना है. 20 विभागों के साथ मिलकर, राज्य सरकार ने SHG को 4,949 करोड़ रुपये का कारोबार करने में मदद की. 

विभिन्न आजीविका क्षेत्रों के तहत 11,008 क्लस्टर (cluster) समूहों को बढ़ावा दिया गया है. इसके अलावा, लोगों को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन प्रदान करने के लिए राज्य भर में 102 मिशन शक्ति कैफे (Mission Shakti Cafe) खोले गए हैं, जो घरेलू सेटिंग में ही SHG सदस्यों की आमदनी बढ़ाने में मदद करते हैं. इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (IHM) द्वारा मिली ट्रेनिंग के साथ, इन कैफे में रोजाना कम से कम 50 -100 लोगों का फुटफॉल होता है और औसत मासिक कमाई 50 हज़ार रुपये है.

SHG ने स्वस्थ और टिकाऊ खाद्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए 1,147 बाजरा उद्यम स्थापित किये हैं. 13,501 जीपी टैंकों में 13,431 SHG द्वारा मत्स्य पालन किया जा रहा है, जिससे 139 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ. पहली बार मिशन शक्ति संस्थानों को बुनियादी ढांचे के लिए भारी समर्थन मिला है. एसएचजी को मजबूत बनाने के लिए उनके उत्पादों को बाजार तक पहुंचने में भी मदद की जा रही है . इसके अलावा, 22 जिलों में 119 मिशन शक्ति आउटलेट खोले गए. 

मिशन शक्ति से दूसरे राज्य सीख ले सकते हैं, ताकि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आगे बढ़ने में सहायता मिल सके. सरकार के सहयोग से वे अपने रोज़गार को छोटे उद्यमों में बदल सकेंगी और आमदनी बढ़ा पाएंगी. 

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