इंडिया में फैशन का नाम आये और NIFT की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता.NIFT में फैशन की पढ़ाई होती है. 1986 से ये संस्थान फैशन टेक्नोलॉजी पढ़ा रहा है, जो आज युवाओं का पसंदीदा कोर्स बन गया. फैशन, ट्रेंड,और डिज़ाइन कहां एक जगह के होकर रहते हैं. शहरों की बात करें या ग्रामीण इलाकों की कूल बनने की आदत आज हर युवा की कहानी है. देश भर के कई स्वसहायता समूह कपड़ो, बैग, यूनिफॉर्म, और टेबल क्लॉथ वगैरह की डिज़ाइनिंग और सिलाई कर रहे हैं. पर कभी-कभी इन्हें बनाने या बाज़ार तक पहुंचने में कुछ समस्याएं आती हैं. इसका समाधान निकलने की कोशिश की है ग्रामीण विकास मंत्रालय ने.
NIFT जिस्की हम बात कर रहे थे, उसके साथ मिलकर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को अपने समझौता ज्ञापन (MOU) बढ़ाया है. अब ये NIFT दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के स्वसहायता समूहों को फैशन के पाठ पढ़ाकर उनकी डिज़ाइन में मदद करेगा. एक बयान में कहा गया है कि NRLM, MORD और NIFT के बीच 23 अक्टूबर, 2019 को तीन साल के लिए गैर-वित्तीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए थे. कोविड महामारी की वजह से कुछ हो न सका. इसीलिए इस MOU को बढ़ाने के फैसला लिया गया.
(Image Credits: Ministry of Rural Development, GOI)
NIFT ने सरस आजीविका मेला की गैलेरी डिज़ाइनिंग और नवीनीकरण में भी मदद की. एक सरकारी बयान के अनुसार, 1 मार्च तक सरस गैलरी ने नवीनीकरण के बाद से 1 करोड़ सत्रह लाख पांच हज़ार रुपये की बिक्री की. NIFT ने NRLM के साथ जुड़कर कई बार SHG सदस्यों को उनके उत्पाद डिज़ाइन और पैकेजिंग में मार्गदर्शन दिया है. इस MOU के बढ़ने के बाद अब डिज़ाइन, पैकेजिंग और ब्रांडिंग बेहतर तरीके से हो पायेगी. इस MOU के बाद मध्य प्रदेश में भी NIFT से जुड़े युवाओं में नई उम्मीद जगी है. युवाओं का मानना है कि इस MOU से फैशन के साथ महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता में भी प्रदेश के युवा हिस्सा ले पाएंगे.