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मध्यप्रदेश की सरकार हर समय महिलाओं को सशक्त बनाए और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करती रहती है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही दीनदयाल रसोई को 'मामा की रसोई' बनाने की तयारी कर रहे है. यहाँ मिलने वाले भोजन के रेट को भी 10 रुपये से घटाकर 5 रुपये कर दिया गया है. 'मामा की रसोई' पर लगभग 35 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. मध्य प्रदेश सरकार दक्षिण भारत में तमिलनाडु की 'अम्मा कैंटीन' और अमृतानंदमयी की 'मां की रसोई' के जैसी ही 'दीनदयाल रसोई योजना' का पॉपुलर बनाना चाहती है.
प्रदेश में 145 दीनदयाल रसोई चल रही हैं, इसमें 20 स्थायी और 25 चलित रसोई भी शामिल हैं. तीन रसोई नगर निगम चला रहे हैं, बाकी NGO, स्वयं सहायता समूह (SHG), धार्मिक, सामाजिक संस्थाएं व व्यावसायिक प्रतिष्ठान चला रहे हैं. साल 2017 में शुरू हुई दीनदयाल रसोई से अब तक दो करोड़ लोग भोजन कर चुके हैं. इस कार्य में self help groups बहुत बड़े साथ के रूप में सरकार की मदद कर सकतें है. बहुत से SHGs अपने खाद्य उत्पादों के लिए मध्य प्रदेश मेंकाफी प्रचलित है. इस पहल से महिला SHG को बहुत फायदा होगा. महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी खुशहाली भरा जीवन जी पाएंगी.