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![NABARD समर्थ मेला _ महिला SHGs की पहचान](https://img-cdn.thepublive.com/fit-in/1280x960/filters:format(webp)/ravivar-vichar/media/media_files/l8Kkrftpdo1zOwlieqBX.jpg)
Image: Ravivar Vichar
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महिला Self Help Groups को आज अपने products को showcase करने और बेचने के लिए सरकार ने बहुत सारी opporunities के मार्ग खोले हैं. अनेक योजनाएं बनाकर इन महिला संगठनों को अपने पैरो पर खड़ा होने का मौका दे रही है. महिला सशक्तिकरण हर एक organization के लिए आज एक important पेहलू नज़र आ रहा है.
इसी को दखते और समझते हुए -
NABARD के under जितने institutions और companies है , उन सभी ने हर state और गावं से आकर हिस्सा लिया और अपने products को बेचा. इनमे सारे products organically produce किये जाते है.
Organic edibles एंड products आज हमारे पर्यावरण के लिए भी बहुत आवशयक है. मनुष्य की सेहत उसके खान-पान से जाँची जाती है. organic food को सबसे उच्च माना गया है.
Organic पदार्थ बड़ा रहे आकर्षण-
संगठन के तहत लगभग 250 समूह काम कर रहे हैं, जो विभिन्न activites में लगे हुए हैं. इनमें पेंटिंग SHG ,gobar से बने उत्पाद वाले समूह, रॉक पेंटिंग, जैतून, आटा और अन्य शामिल हैं। ये organic products नहीं कहलाये जाते है परन्तु इनकी खेती जहां होती है उस जगह inorganic chemicals का प्रयोग नहीं किया जाता.
साथ ही, गुड़े बनाने में कोई रासायनिक पदार्थ नहीं प्रयोग किया जाता, यह दो प्रकार के गुड़े शामिल है, एक में तिल के बीज होते हैं और दूसरा साधा गुड़ा होता है. साथ ही संगठन द्वारा उत्पादित या उगाए जाने वाले खाद्य उत्पादों में कोई रासायनिक पदार्थ नहीं प्रयोग किया जाता.
केपी सिंह ने कहा - "उत्तर प्रदेश के बिजनौर स्थित Mati Biodiversity Conservation and Social Research Institute ने local 18 se साझा किआ - हमारे संगठन का उद्देश्य जैविक विविधता को संरक्षित करना है. हमारे परियोजनाएँ राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों में कार्यान्वित की जाती हैं. हमारे संगठन द्वारा 20-25 प्रकार के उत्पाद बनाए जाते हैं, जिनमें से हमने शिमला में लगभग 15 उत्पादों को लाया है. इसमें कुछ लकड़ी के उत्पाद, पत्थर पेंटिंग, कैनवास पेंटिंग, आटा, गुड़ आदि शामिल हैं."