हाल के कर्नाटक के विधानसभा चुनावों (Karnataka state assembly elections) के दौरान, इंडियन नेशनल कांग्रेस (Indian National Congress) ने 224 सदस्यीय सदन में 135 सीटें जीती. कांग्रेस के टिकट पर लड़ते हुए, नयना मोतम्मा (Nayana Motamma) को चिकमंगलूर जिले (Chikmagalur district) के मुदिगेरे निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया. मुदिगेरे अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. यह वही निर्वाचन क्षेत्र है जिसने उनकी मां और पूर्व महिला और बाल कल्याण मंत्री सी. मोतम्मा (former minister of women and child welfare of Karnataka, C. Motamma) को 1978, 1989 और 1999 में तीन बार जिताया था.
नयना ने लूथरा और लूथरा लॉ ऑफिस (Luthra and Luthra Law Offices) में एक कॉर्पोरेट वकील (corporate lawyer) के रूप में काम किया है, और नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी और पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय (University of Pennsylvania) की पूर्व छात्रा है. वह बताती है कि ज़मीनी स्तर पर काम करना, और महिलाओं और युवाओं के साथ जुड़ाव निर्वाचन क्षेत्र को जीतने के वजह बनी. भले ही मुदिगेरे एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है, पर उन्होंने किसी एक विशेष समुदाय पर ध्यान केंद्रित नहीं किया. उन्होंने सभी समुदायों के साथ काम किया.
नयना उस पृष्ठभूमि से आती है जहां उनकी मां ने स्वयं सहायता समूहों के साथ काम किया है, जिसमें उन्होंने 23 साल पहले राज्य की महिला और बाल कल्याण मंत्री के रूप में स्त्री शक्ति संघ की शुरुआत की थी. स्वयं सहायता समूहों का सेटअप अभी भी काम करता है, और वह सेटअप आज भी हज़ारों महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का ज़रिया बना है.
लोग रहने के लिए बेहतर घर, विशेष रूप से आर्थिक आज़ादी चाहते हैं. एक बार जब आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाती है, तो आपकी सामाजिक स्थिति अपने आप सुधरने लगती है. स्वयं सहायता समूहों से जुड़ कर महिलायें अपना रोज़गार शुरू करती हैं, बचत करती हैं, जिससे उनकी कई ज़रूरतें पूरी होती हैं.
नयना मोतम्मा कहती है,"राजनीति एक ऐसा मैदान है जहां आपको खेल में बने रहने की जरूरत होती है. आपको समय के सभी बिंदुओं पर विजेता बनने की आवश्यकता है, यही एकमात्र तरीका है जिससे आप गिने जाते है. चुनाव जीतते रहना और प्रभावी काम करना ज़रूरी है. राजनीति में, आपको लोगों के साथ रहना होता है, उनके मुद्दों को सुलझाना होता है, विकास के लिए वहां रहना होता है, और उन चीजों को बनाए रखना होता है जो आपके मतदाताओं के लिए बहुत मायने रखती हैं." नयना मोतम्मा की कहानी हर महिला को अपनी पहचान बनाने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है.