सेल्दा में बेटियां संजो रही सपने

पॉवर स्टेशन परिसर में ही ये बेटियां अपने नए हुनर सीख रहीं. यहां एक या दो बच्ची नहीं बल्कि प्रबंधन ने कमांड एरिया के चार गांव को गोद लिया और बच्चियों को यह मौका दिया.अभी तक हिंदी में भी कमज़ोर ये बच्चियां अंग्रेजी और कंप्यूटर सीख रहीं हैं.

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NTPC adopted 4 daughters

एनटीपीसी प्लांट में क्लासरूम में बैठी छात्राएं (फोटो क्रेडिट: रविवार विचार)

मप्र (Madhya Pradesh) के खरगोन (Khargone) जिले में लगा एनटीपीसी (NTPC) का थर्मल पॉवर स्टेशन (Thermal Power Station) केवल कोयले से बिजली (electricity) ही नहीं बन रही बल्कि यहां ऐसा माहौल तैयार कर दिया कि निर्धन परिवारों कि बेटियां नए-नए सपने संजो रही हैं. पॉवर स्टेशन परिसर में ही ये बेटियां अपने नए हुनर सीख रहीं. यहां एक या दो बच्ची नहीं बल्कि प्रबंधन ने कमांड एरिया के चार गांव को गोद लिया और बच्चियों को यह मौका दिया.अभी तक हिंदी में भी कमज़ोर ये बच्चियां अंग्रेजी और कंप्यूटर सीख रहीं हैं. इसके लिए बकायदा क्लासरूम और टीचर्स की व्यवस्था की है. महिला सशक्तिकरण (women empowerment) के तहत यहां एक मई से आयोजन शुरू हुआ जो 28 मई तक चलेगा. इसमें कई अथिति और बेटियों के माता-पिता भी शामिल हुए. 

खरगोन से 40 किमी दूर लगे थर्मल पॉवर प्लांट के सत्य प्रकाश कहते हैं - "प्लांट में सकारत्मक माहौल बन गया है. ये सभी बच्चियां आसपास के चार गांव की रहने वाली हैं . क्लास 5 वीं के बाद यहां भर्ती किया है. इनको हमारे द्वारा पेन,पेंसिल,कॉपी-पुस्तकें मुफ्त दी जा रही.  बच्चियों को कंप्यूटर ऑपरेट करना भी सिखाया जाएगा." परिसर में ही आयोजन हुआ. इसमें इन बच्चियों ने अपनी प्रस्तुति दी. 

NTPC adopted 4 daughters

सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देती छात्राएं (फोटो क्रेडिट: रविवार विचार) 

इस मौके पर प्लांट के जीएम राजेश कुमार कनौजिया ने कहा -" प्रबंधन का मकसद बेटियों में वो सपने जगाना जो वह बनने की इच्छा रखती है. बेटियों को यूनिफॉर्म से लगाकर कर पढ़ाई की सभी सुविधा दी जा रही है. यह अभियान 2018 से चल रहा है. बेटियों का बेहतर भविष्य बनाने के लिए उनको संस्कार भी सिखाए जा रहे हैं." 

सेल्दा गांव में यह पॉवर स्टेशन देश के नक्शे पर खास जगह रखता है. यह एनटीपीसी के अधीन है. इसके अलावा इसी इलाके में ओंकारेश्वर , खंडवा में नर्मदा नदी पर हायडल बांध भी हैं जो बिजली उतपादन कर रहे हैं.