राजनीति के मोहरे बने SHG

SHG के अध्यक्ष और सचिव को दिसंबर 2021 में 3 लाख रुपये का वर्क ऑर्डर मिला था. हालांकि, काम अभी भी अधूरा है और शौचालय कब पूरा होगा किसी को नहीं पता. बताया जा रहा है कि कांट्रेक्टर का कमीशन तय न होने की वजह से काम लटका हुआ है.

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Image Credits: Odisha TV

महिला सशक्तिकरण की दिशा में ख़ुदको साबित करने के लिए हर राज्य अपने स्वयं सहायता समूह की बढ़ती संख्या का सहारा लेते रहे हैं. ऐसा ही कुछ ओडिशा ने भी किया. ओडिशा सरकार ने खुद को महिला-शक्ति के एकमात्र संरक्षक के रूप में बाज़ार में उतारने में कोई कसर नहीं छोड़ी. मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत कई महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) बनाकर उन्हें ऋण दिया गया. जब भी किसी मंच पर महिला सशक्तिकरण का विषय उठाया जाता है, तो सरकार अपनी पीठ थपथपाने का कोई मौका नहीं छोड़ती.

कई जगह ये SHG महिला सशक्तिकरण का साधन नहीं पर ठेकेदारों के हाथों बली का बकरा बनकर रह गए हैं. नबरंगपुर शहर में इच्छाबतिगुड़ा सिनेमा हॉल के पास एक शौचालय बनाने के लिए माँ ब्राह्मणीदेई स्वयं सहायता समूह को वर्क ऑर्डर दिया गया था. SHG के अध्यक्ष और सचिव को दिसंबर 2021 में 3 लाख रुपये का वर्क ऑर्डर मिला था. हालांकि, काम अभी भी अधूरा है और शौचालय कब पूरा होगा किसी को नहीं पता. बताया जा रहा है कि कांट्रेक्टर का कमीशन तय न होने की वजह से काम लटका हुआ है. महिलाओं को निर्माण का अनुभव न होने की वजह से वे काम पूरा करने के लिए दूसरे ठेकेदारों को शामिल करती हैं, जिसकी वजह से काम पूरा होने में देरी होती है. कार्य सही ढंग से या समय पर न होने की स्थिति में, ठेकेदार तो बच निकलते हैं, पर समूह की महिलाएं हर हाल में काम पूरा करने पर मजबूर हो जाती हैं क्योंकि सरकार से वर्क ऑर्डर इन्हें मिला होता है. 

स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न व्यावसायिक पहलों को शुरू करने के लिए मिलने वाली राशि को अन्य परियोजनाओं में लगाया जा रहा है. इसके अलावा ब्याज मुक्त ऋणों के उपयोग में कई अनियमितताओं और कमियों को भी देखा गया. महिलाओं द्वारा लोन के मिले पैसों का इस्तेमाल शादी और अन्य व्यक्तिगत ज़रूरतों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है. कुछ SHG लोन के मिले पैसों को लोगों को उधार देकर  ब्याज वसूल रहे हैं. कई महिला SHG ने आरोप लगाया कि बीजू जनता दल पार्टी ऋण और वर्क ऑर्डर प्रदान करने में भेदभाव कर रही है. पहचान और पहुंच के आधार पर लोन और वर्क ऑर्डर दिए जा रहे हैं. इसने कथित तौर पर कई स्वयं सहायता समूहों के बीच दरार पैदा कर दी और सरकार से SHG की दूरी बढ़ती जा रही है.

स्वयं सहायता समूह देशभर में आर्थिक क्रांति और महिलाओं की आर्थिक आज़ादी की वजह बने हैं. इस तरह के भ्रष्टाचार से महिलाएं समूह छोड़ने पर मजबूर होंगी और नए सदस्य समूह से जुड़ने के लिए हतोत्साहित. महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने वाली इस क्रांति को भ्रष्टाचार से बचाये रखना होगा. 

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