रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने भारत सरकार के 'वोकल फॉर लोकल' (Vocal for Local) विज़न को बढ़ावा देने के लिए 'वन स्टेशन वन प्रोडक्ट' (One Station one Product- OSOP) योजना की शुरुआत की. स्थानीय/स्वदेशी उत्पादों को बाज़ार तक पहुंच देकर, आय के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से OSOP योजना शुरू की गई. समाज के वर्गों. योजना के तहत, OSOP आउटलेट्स स्वदेशी उत्पादों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए प्रोडक्ट की विजिबिलिटी बढ़ाते हैं.
योजना का पायलट पिछले साल शुरू किया गया था और अभी तक, देश भर के 21 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 785 OSOP आउटलेट्स के साथ 728 स्टेशनों को कवर किया गया है. देशभर में समानता कर लिए, स्टालों को राष्ट्रीय डिज़ाइन संस्थान द्वारा डिज़ाइन करवाया गया है जो सुविधाजनक स्टोरेज की और प्रदर्शन के लिए पर्याप्त जगह देता है.
बेलगावी स्टेशन पर, मीनाक्षी स्वयं सहायता समूह (Self Help Group-SHG), चचड़ी गांव (सौंदत्ती तालुक) को OSOP आउटलेट दिया गया है. SHG सदस्य श्रीमती मीनाक्षी ने कहा कि इस स्टॉल ने SHG से जुड़ी महिला उद्यमियों को आगे आने में मदद की है और इसने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है. उन्होंने स्टाल के डिजाइन की भी प्रशंसा की जो उन्हें घर में बने खाने को आसान तरीके से स्टोर करने और प्रदर्शित करने में सक्षम बनाती है.
कर्नाटक में विभिन्न रेलवे स्टेशनों में 21 OSOP स्टॉल चालू हैं. यहां लोकल कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, हैंडलूम, और हस्तशिल्प आदि शामिल हैं. इससे उन्हें अपनी बिक्री बढ़ाने और ग्राहक बढ़ाने में मदद मिली है. कई ग्राहक नियमित रूप से फोन पर भी ऑर्डर देकर उनके उत्पाद जैसे आयुर्वेदिक तेल खरीद रहे हैं. बेंगलुरु छावनी स्टेशन पर OSOP के ज़रिये बाजरा और जैविक शहद की बिक्री बढ़ रही है.
रेलवे स्टेशन पर OSOP के ज़रिये जगह मिलने से स्वयं सहायता समूहों ने नई ऊंचाइयां हासिल की है. हमेशा भीड़-भाड़ वाले इस एरिया में जगह मिलने से महिलाओं के उत्पादों को नई पहचान भी मिली है.