ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले की रहने वाली कमला मोहराना इन दिनों सुर्ख़ियों में है. क्लीन इण्डिया मिशन में अब वह न केवल ओडिशा बल्कि पूरे देश में छा गई.कमला का ज़िक्र और उसका मिशन सारे मिडिया में ट्रेंड कर रहा है. वजह, कमला का नाम पीएम नरेंद्र मोदी की मन की बात में लिया गया. मोदी ने उसे देश के स्वच्छता मिशन योगदान में महत्वपूर्ण बताया.कमला स्वसहायता समूह के जरिये वेस्ट मटेरियल से उपयोगी सामान बना रही है. कमला कहती है -" वह दूध के लिए उपयोग में लाये जा रहे प्लास्टिक के पाउच और दूसरी सामग्री से मोबाइल स्टैंड,बास्केट्स सहित कई उपयोगी आइटम बना रही है.इससे उसकी कमाई हो रही है.
कमला प्लास्टिक सामान से दूसरे सामान बना रही है ,वहीं कपड़े की थैलियां उपयोग में लाने को कहती है.
ओडिशा में कई स्वसहायता महिलाओं द्वारा चलाए जाए जा रहे हैं. सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, कमला ने अपने आस-पास को साफ रखने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं.वह अपने नवाचार विचारों के लिए जानी जाती है. वह इसी वेस्ट सामान से उपयोग में आने वाले कूड़ेदान बनाना और अपने जरूरतमंदों घरों के लिए कम लागत वाले शौचालयों का निर्माण में भी भूमिका निभाती है.
कमला के इस कमाल का फल यह मिला कि उन्हें 2018 में केंद्र सरकार से "नारी शक्ति पुरस्कार" सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं उन्हें अपने स्वच्छता के महत्व और अनुभव बताने के लिए और बढ़ावा देने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर बोलने के लिए भी बुलाया गया.
कमला की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणा का काम करती है जो एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं. स्वच्छ भारत अभियान के प्रति उनका समर्पण और स्वच्छता की सेवाएं चर्चाओं में है.