पंचायती राज प्रणाली का उत्सव है राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस. इसे भारत में राष्ट्रीय दिवस का दर्जा दिया गया है. भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने 2010 को पहला राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस घोषित किया था. इस वर्ष भी राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रीवा (मप्र) में पंचायती दिवस पर महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएं की. इन योजनाओं से देश की करीब 10 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल सकेगा. कुल 5.5 करोड़ महिलाओं का बीमा होगा. इनमें 2.5 करोड़ महिलाएं स्वसहायता समूह की सदस्य हैं. 3 करोड़ महिलाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा से जोड़ा जायेगा.
देश के 500 जिलों की 2 करोड़ महिलाओं को वित्तीय साक्षरता की ट्रेनिंग मिलेगी. उन्हें बचत, बैंकिंग व बीमा सखी बनाया जायेगा. ये अन्य महिलाओं को सुरक्षा बीमा योजना, बैंक खाते खोलना, बचत जैसी योजनाओं के बारे में जागरूक कर इन सुविधाओं से जोड़ने का काम करेंगी. देशभर में 10 लाख कैंसर स्क्रीनिंग शिविर लगाए जाएंगे. इनमें 2.5 करोड़ महिलाओं की स्क्रीनिंग होगी और उनका इलाज आयुष्मान योजना के तहत हो सकेगा. करीब 7573 करोड़ रुपये के जल जीवन मिशन के कामों का शिलान्यास भी किया गया.
देश की 50 हजार ग्राम पंचायतों में डिजिटल लेन-देन शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. इनमें उन पंचायतों को प्रमुखता से शामिल किया गया है, जिनकी सरपंच या अन्य प्रतिनिधि महिलाएं हैं. प्रधान मंत्री ने पंचायत स्तर पर सार्वजनिक खरीद के लिए एक एकीकृत ई ग्राम स्वराज और GeM पोर्टल का उद्घाटन किया जिससे पंचायतें GeM के ज़रिये अपने सामान और सेवाओं की खरीद आसानी से कर सकेंगे.
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प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 4 लाख से अधिक लाभार्थियों के गृह प्रवेश करवाया गया. देश के आखिरी कोने तक योजनाओं के ज़रिये विकास पहुंचाने के लिए 'विकास की ओर देखें क़दम' अभियान की शुरुआत की. प्रधानमंत्री लाभार्थियों को लगभग 35 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड सौंपें गए. करीब 10 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया. प्रधानमंत्री ने ग्वालियर स्टेशन के पुनर्विकास का भी शिलान्यास किया.
मध्यप्रदेश की नारी शक्ति का ज़िक्र करते हुए स्वयं सहायता समूह के कामों और दीदी कैफ़े को सराहा. SHG दीदियों को पंचायत प्रतिनिधि बनने पर गर्व जताया. देश के विकास में पंचायतों के योगदान को सराहा. इन पहलों से ग्रामीणजनों तक, ख़ासकर महिलाओं तक योजनाओं का सीधा लाभ पहुंच सकेगा.