भोपाल का मोतीलाल नेहरू स्टेडियम. हज़ारों महिलाओं की भीड़ और सामने बैठी महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजयपाल मंगू भाई पटेल की निगाहें भी उसकी ओर. ऐसे में गुना जिले के गांव भरतपुर की अनीता पटेरिया जब मंच पर पहुंची तो एक हिम्मत का रंग उनके चेहरे पर नज़र आ रहा था. यह खुशग़वार रंग अनीता दीदी के चेहरे पर आया था SHG के कारण. इसकी प्रमाणिकता तब सिद्ध हुई जब उन्होंने बोला की SHG ने मेरी जीवन की रंगत बदल दी.
सालों तक खुद को खेती मजदूरी में झोंका लेकिन फिर भी परिवार को पलने में दिक्कत का सामना करना पड़ता था. फिर अपने गाँव में महिला समूह की सदस्य बनी. सहयोग सामूहिक समूह के गठन में शामिल हुई यह सिरसी गांव का संगठन है. SHG में शामिल अनीता ने जब अपने जीवन की कठिनाइयों और बाद में मिली सफलता की कहानी सुनाई तो सभा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.उसने बताया कि वह खुद और उसके पति खेत में मजदूरी करती थे. हालात इतने मुश्किल थे कि घर चलाना तो मुश्किल था ही पर बच्चों को स्कूल भेजने की बजाए खेत में साथ ले जाती.पढ़ाने के लिए पैसा नहीं था.अपनी परेशानी को लेकर उसे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था.एक दिन उसे स्वसहायता समूह का पता चला.उसे रोजगार और कुछ कमाई की उम्मीद जगी. वह SHG समूह की सदस्य बनी. समूह को सरकार का साथ मिला और कमाई के कई रास्ते खुल गए.मंच से अनीता ने कहा-आजीविका मिशन योजना और SHG को धन्यवाद जिसकी वजह से मैं अपने पति को खेती के लिए ट्रैक्टर तक दिला सकी.
गुना जिले के गांव भरतपुर की सहयोग सामूहिक समूह,सिरसी ने सिलसिलेवार अपनी कहानी पूरे आत्मविश्वास से सुनाई.शुरू में हिचकिचाने वाली अनीता को जैसे ही राष्ट्रपति,मुख्यमंत्री आदि ने शाबाशी दी वैसे ही बहुत गर्व से वह अपनी कहानी बताने लगी. SHG में शामिल होकर उसने पहले भैंस खरीदी. धीरे-धीरे उसका लोन चुकाया. अनीता की हिम्मत को मिशन ने और बढ़ाया. दूसरा लोन दिया और वह आटा चक्की ले आई.अभी तक गांव के लोग अभी तक दूसरे गांव में अनाज पिसाने में जाते थे. समूह की आय बढ़ी और उधर गांव को नई सुविधा भी मिल गई. मेहनत को देखते हुए समूह को तीसरी बार फिर लोन दिया गया. लगातार सफलता और जिंदगी के बदलाव का असर हुआ.बच्चों को स्कूल अच्छे स्कूल भेजने लगी.
अनीता की सहज बातें और आत्मविश्वास देख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा-मध्यप्रदेश में महिला स्वसहायता समूह को जनांदोलन का रूप देना सराहनीय है. इसे कार्य रूप दिया जाना प्रशंसनीय है.महिलाओं के स्वभाव में है कि कम से कम संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना जानती है.घरेलू कामकाज और देखरेख कर वह आधुनिक विकास के कार्यों में कंधा से कंधा मिला कर चल रही है.देश में समूहों में जितनी भागीदारी होगी उतना समाज और देश को लाभ होगा. मुर्मू बेहद खुश नजर आईं. उन्होंने बताया कि आयोजन स्थल आने तक उन्होंने कई प्रोडक्ट के चित्र देखे.यह तो एक झलक है.चार लाख समूह और 42 लाख महिलाओं के लिए योजनाओं ने उन्हें पैरों पर खड़ा कर दिया. राज्यपाल पटेल ने स्वसहायता समूह को संरक्षण प्रोत्साहन सरकार दे रही है.समूहों को 4157 करोड़ का लोन अलग-अलग बैंकों से कराया. समूह के उत्पादों की 535 करोड रुपए तक बिक्री हुई, जिसका सीधा लाभ समूह सदस्यों को मिला. मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि सरकार महिलाओं को ShG बनाने के लिए आगे बढ़ा रही है,जिससे घर में कमाई का जरिया बढ़े. सम्मान की जिंदगी जी सकें.
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मुख्यमंत्री चौहान ने राष्ट्रपति मुर्मू को महिलाओं के लिए आदर्श बताया.उन्होंने भावुक तरीके से मुर्मू के जीवन के संघर्ष को बताया.चौहान ने बताया कि मुसीबतों के पहाड़ कई बार राष्ट्रपति पर टूटे. उन्हें विरासत में कुछ नहीं मिला.गरीब परिवार में जन्म लिया.पहले पति और फिर बेटे को खो देने का दर्द झेला.उन्हें प्रेरणा बताकर कहा कि महिलाएं पति के न होने पर टूट जाती हैं.जीवन खत्म सा मानती हैं.लेकिन राष्ट्रपति रुकी नहीं. पार्षद बनी,मंत्री बनी,राज्यपाल बनीं.उन्होंने महिलाओं के विकास के लिए हमेशा काम किया.मुख्यमंत्री ने स्टेडियम में मौजूद महिलाओं में जोश फूंकते हुए कहा महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा आदर्श हमारी राष्ट्रपति हैं.अब महिला सबला है.महिला जो चाहे वो कर सकती है. कार्यक्रम में समूह सदस्यों का आत्मविश्वास देख राष्ट्रपति मुर्मू ने एक अन्य संगठन की अध्यक्ष फूलवती सिंह को भी अपनी सफलता की कहानी सुनाने का मौका दिया.उन्होंने बताया कि निर्भया संकुल संगठन में 35 गांव शामिल है.समूह में शामिल दीदियों को खेती,गणवेश,सिलाई,सेनेटाइजर,साबुन केसाथ में समूह में होने वाले खर्चे और कमाई का हिसाब-किताब रखने की ट्रेनिंग दी जा रही है.समूह साथियों ने ही मेहनत कर उन्हें जिला पंचायत सदस्य बना दिया. राष्ट्रपति मुर्मू के भाषण के बाद आयोजन स्थल पर पहुंची समूह महिलाओं में अलग उत्साह दिखाई दिया.उन्होंने कहा कि वे रोजगार और कमाई बढ़ाने के लिए और मेहनत करेंगे.हजारों की संख्या में पहुंची सदस्यों ने अब अपना आदर्श राष्ट्रपति को बताया.ये महिलाएं गांव में जाकर अन्य महिलाओं को प्रेरित करेंगी.
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