"दुनिया में बैंक सखी जैसा कुछ नही"- प्रियंका चोपड़ा

प्रियंका न केवल भारत बल्कि दुनिया में जाना-पहचाना चेहरा है. प्रियंका ने अपने भारत दौरे पर यही किया जब वो SHG के महत्वपूर्ण अंग, बैंक सखी कार्यक्रम को दुनिया के सामने ले आयीं.  

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रिसिका जोशी
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Priyanka Chopra supports Bank Sakhi

Image Credits: Ravivar vichar

2016 में प्रियंका चोपड़ा यूनिसेफ की ग्लोबल गुडविल एम्बेसेडर बनी और उसके बाद से ही दुनिया भर में महिला सुरक्षा, आर्थिक आज़ादी और बच्चों के भविष्य निर्माण पर भी काम किये है. प्रियंका, यूनिसेफ के कौशल विकास अभियान से भी जुडी हुई है. महिला अधिकारों की बात वह हमेशा से करती आयी लेकिन गुडविल एम्बेसेडर बनने के बाद उन्होंने इस काम को और तेज़ी से किया.  

महिला सशक्तिकरण के लिए किये गए प्रयासों का चेहरा भी अगर कोई सशक्त महिला बने तो बात ही कुछ और होगी और ये काम प्रियंका बखूबी निभा रहीं है. प्रियंका न केवल भारत बल्कि दुनिया में जाना-पहचाना चेहरा है. इस तरह की आवाज़ अगर भारतीय महिलाओं के अचीवमेंट्स की बात करे, तो वह दूर-दूर पहुंचेगी. प्रियंका ने अपने भारत दौरे पर यही किया जब वो SHG के महत्वपूर्ण अंग, बैंक सखी कार्यक्रम को दुनिया के सामने ले आयीं.  

यूनिसेफ एंबेसेडर प्रियंका चोपड़ा ने भारत के अपने दौरे में महिला सुरक्षा के साथ उनकी वित्तीय स्थिरता और आर्थिक आज़ादी पर बात की. अपनी बात रखते हुए उन्होंने बताया की भारत में हर किसी के पास बैंक अकाउंट हो इसके लिए 'प्रधानमंत्री जन धन योजना' चलाई गई है. इस तरह बैंक अकाउंट भारत के हर कोने तक पहुंच गए है. लेकिन जिस तरह कुछ इलाको में इंफ्रास्ट्रचर की समस्याएं आज भी मौजूद है, इसलिए इन इलाकों के लिए बैंक कॉरेस्पोंडेंट या बैंक सखी बनाई गई है. इसमें SHG महिलाओं की भूमिका सबसे अहम है. इन बैंक सखियों के पास एक छोटा डिवाइस होता है साथ ही तीस से पचास हज़ार नकद होते है. उस डिवाइस में फिंगरप्रिंट से लॉगिन करके जिसका अकाउंट है उसका भी बायोमेट्रिक लॉगिन होता है. इस तरह उनके घरों तक पैसा पहुंच जाता है. इस तकनीक के करण महिलाओं को अब दूर एटीएम तक जाना नहीं पड़ता. 

Priynka chopra

Image Credits: Ravivar Vichar

यह सब संभव हुआ है बैंक सखी कार्यक्रम से जिसका बीड़ा SHG महिलाओं ने उठा रखा है. बैंक सखी बनने के बाद इन SHG महिलाओं में आत्मविश्वास तो आया ही है साथ ही इस ज़िम्मेदारी के साथ वो अपना रोज़मर्रा का काम भी आसानी से कर पा रही है. मदद को घर तक पहुँचाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. प्रियंका ने अपनी बात ये कह के ख़तम की, "इस तरह का बैंक सखी प्रयास बहुत ही इनोवेटिव है, और इस तरह का कार्यक्रम पूरी दुनिया में आज तक नहीं देखा गया."

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