देशभर के राज्यों में विकास की दौड़ चल रही है. कुछ राज्य आगे हैं, तो कुछ पीछे. पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) वह दो राज्य हैं, जो इस दौड़ में काफी पीछे हैं. पंजाब और हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्र, सड़कें, घर बनाने और स्थायी आजीविका के अवसरों में पिछड़ते दिखे. 2022-23 के पहले क्वार्टर में केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय (Union ministry of statistics) की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों राज्यों में केंद्र सरकार की ख़ास योजनाओं के तहत तय किये गए लक्ष्यों में गहरा अंतर दिखा.
दोनों राज्यों में, 60% से ज़्यादा आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. इसके बावजूद, दोनों राज्य प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण) को सही से लागू नहीं करवा पाये हैं. इस योजना का उद्देश्य बेघर लोगों के लिए पानी, बिजली और शौचालय की सुविधा के साथ पक्के घर उपलब्ध कराना है. हरियाणा ने अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 के बीच तय किये गए 4,734 के लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 882 घरों का निर्माण करते हुए लक्ष्य का केवल 19% ही हासिल किया, जबकि पंजाब लक्ष्य का केवल 22% ही हासिल कर सका. इस अवधि के दौरान राज्य ने 8,481 के लक्ष्य के मुकाबले 1,840 घरों का निर्माण किया.
पड़ोसी हिमाचल प्रदेश ने बेहतर प्रदर्शन किया क्योंकि उसने 2,973 के लक्ष्य के मुकाबले 2,126 घरों का निर्माण करके लक्ष्य का 72% हासिल किया. जहां तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सफलता की बात है - पंजाब और हरियाणा इसके लक्ष्यों को भी पूरा नहीं कर पाये हैं. हरियाणा ने जहां 657 किमी के लक्ष्य के मुकाबले 297 किमी सड़कों का निर्माण कर 45% का लक्ष्य हासिल किया, वहीं पंजाब ने 750 किमी के लक्ष्य के मुकाबले 353 किमी सड़कें बनाकर लक्ष्य का 47% हासिल किया.
दोनों राज्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के क्रियान्वयन में भी लड़खड़ाते नज़र आये, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्थायी आजीविका और वित्तीय सेवाओं तक बेहतर पहुंच देना था. हरियाणा में 9,000 के लक्ष्य के मुकाबले केवल 2,398 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को सामुदायिक निवेश निधि (community investment funds) प्रदान की गई, जो कि लक्ष्य का महज 27 % रहा. पंजाब में 801 एसएचजी को निवेश कोष मुहैया कराया गया. दूसरी ओर, हिमाचल ने 1,650 के लक्ष्य के मुकाबले 2,690 एसएचजी को फंड उपलब्ध कराकर लक्ष्य को पार कर लिया.
रिपोर्ट में प्रकाशित आंकड़ों से यह भी पता चला है कि पंजाब ने 1,12,500 के निर्धारित लक्ष्य में से केवल 464 पंप सेटों को लगवा कर लक्ष्य का 0.41% ही हासिल किया. हिमाचल प्रदेश ने लक्ष्य का 332% और हरियाणा ने 167% हासिल किया.
सरकार द्वारा बनाई गई योजनाओं के तय किये गए लक्ष्यों और उसके ज़मीनी स्तर पर क्रियान्वन में दूरी पर विचार करने की ज़रुरत है. इस गैप की वजहों को पता कर, इन्हें दूर करना होगा ताकि लाभार्थियों तक सही समय पर लाभ मिल सके.