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स्वयं सहायता समूह में बढ़ती महिलाओं की संख्या बेशक देश में चल रही आर्थिक आज़ादी की क्रांति के लिए अच्छी ख़बर है. SHG में जुड़कर मिलने वाले फायदों की लम्बी लिस्ट महिलाओं को समूह की ओर खींच रही है. खुदका रोज़गार शुरू करने का मौका देने वाले ये SHG केवल महिलाओं के लिए ही नहीं पर सरकार के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं. समूह से जुड़ी महिलाओं का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच चूका है. इस बड़े अंक से आकार को वोट बटोरने में फायदा हो सकता है. आज महिलाओं का वोट काफी अहमियत रख रहा है.
इस बड़े अंक के वोटों को बटोरने के लिए राजस्थान सरकार ने स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को लोन पर 8% की ब्याज सब्सिडी देने का फैसला किया. इससे इन समूहों को अपना काम जारी रखने में मदद मिलेगी. सरकार ने अगले वर्ष के लिए 12 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने का भी वादा किया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक प्रगति हासिल करने में मदद करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को सब्सिडी देने का फैसला किया.
इससे पहले, सीएम अशोक गहलोत ने महिलाओं को रोज़गार शुरू करने में मदद के लिए महिला समानता दिवस के मौके पर 'राजस्थान महिला निधि' की शुरुआत की थी. राजस्थान महिला निधि एक कोष है जिसे राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) ने स्थापित किया था. इसके लिए बजट 2022-23 में आनेवाले 2 वर्षों में 50 करोड़ रुपए का योगदान देने का फैसला लिया गया था. सब्सिडी के इस फैसले से महिलाओं को अपना छोटा बिज़नेस शुरू करने में मदद मिलेगी और ज़्यादा से ज़्यादा महिलाएं ार्थी रूप से सशक्त हो सकेंगी.