जल संरक्षण में महिलाओं का योगदान

WASH सुविधाओं की कमी की वजह से महिलाओं को ज़्यादा जोखिम है. WHO का अनुमान है कि वैश्विक मातृ मृत्यु का 10-15% खराब स्वच्छता प्रथाओं की वजह से होने वाले संक्रमण के कारण होता है. सुरक्षित पानी की कमी को दूर करने से मातृ स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है. 

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मिस्बाह
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Image Credits: UNICEF

जल संरक्षण (water conservation), जल प्रबंधन (water management) और स्वच्छता (sanitation) की ज़रुरत पर जागरूकता फैलाने में महिलायें काफी योगदान दे रही हैं. उनके इन्हीं प्रयासों की सराहना भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India Droupadi Murmu) ने की. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारत भर से 36 महिला चैंपियनों (36 women champions) को सम्मानित किया. स्वच्छ भारत मिशन के प्रमुख कार्यक्रम - ग्रामीण (SBM-G), जल जीवन मिशन (JJM) और जल शक्ति अभियान में महिलाओं की अहम भूमिका को सराहा. 

पानी की समस्या महिलाओं पर गहरा प्रभाव डालती है. समाज में घरों की देखभाल की ज़िम्मेदारी महिलाओं का काम माना जाता है. इसलिए, दिनभर इस्तेमाल करने, खाना पकाने और साफ़-सफाई के लिए पानी का इंतज़ाम करना महिलाओं की 'प्राथमिक जिम्मेदारी' बन जाती है. ग्रामीण भारत के घरों की बड़ी संख्या में नल नहीं लगे हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें पानी लाने के लिए दूर जाना पड़ता है. इसकी वजह से महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. 

वॉश WASH (पानी, स्वच्छता और स्वच्छता) सुविधाओं और साफ़ पानी की कमी की वजह से महिलाओं को ज़्यादा जोखिम है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि वैश्विक मातृ मृत्यु का लगभग 10-15% खराब स्वच्छता प्रथाओं की वजह से होने वाले संक्रमण के कारण होता है. और केवल सुरक्षित पानी की कमी को दूर करने से प्रसव के बाद मातृ स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है. 

पानी या वॉश सुविधाओं की कमी का महिलाओं पर चारों तरफ से असर पड़ता है, चाहे वह सामाजिक, आर्थिक, मानसिक या शारीरिक हो.  एक सभ्य जीवन जीने के लिए वॉश में निवेश करना ज़रूरी है. यह समझना और भी ज़्यादा अहम है कि वॉश सुविधाओं की कमी महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और अधिकारों को कैसे प्रभावित करती है. इसके अलावा, उन्हें सामुदायिक और संस्थागत स्तर पर WASH के आसपास लिए जाने वाले फैसलों का हिस्सा बनाना ज़रूरी है.

घर संभालने से लेकर सामुदायिक पहलों की अगुवाई करने तक, महिलाएं भारत में WASH की रीढ़ बनी रही हैं. हालांकि, उनकी अहम भूमिका के बावजूद, महिलाओं को सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक बाधाओं का सामना करना पड़ता है जो उन्हें इस क्षेत्र में अपनी पूरी क्षमता दिखाने से रोकती हैं. सरकार, कॉर्पोरेट कंपनियों, और NGO को चाहिये कि वह WASH को हर तबके की महिला तक पहुंचाने का प्रयास करें, ताकि उनकी सेहत और सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता न हो. 

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