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UNDP के GSNI के हिसाब से महिलाओं की सैलरी, समान शिक्षा होने के बाद भी पुरुषों से कम है. यह अंतर महिलाओं के मनोबल और उनके काम करने की इच्छा को ख़त्म करता है. महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है, बल्कि देखा जाए तो सबसे आगे है. इस तरह की बायसनेस सिर्फ शहरों में ही नहीं बल्कि गांव में भी देखने को मिल जाती है. इसीलिए इन हालातों को बदलने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री गिरीराज सिंह ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहतमहिलाओं की आमदनी 10 से 15 हजार रुपए तक बढ़ाने के लिए मॉडल तैयार करने के निर्देश दिए. इससे जुड़ी बैठक रायपुर में आयोजित ग्रामीण विकास, भूमि संसाधन एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ हुई.
गिरिराज सिंह ने कहा- "वर्तमान में आजीविका मिशन के तहत महिलाओं की आमदनी कम है, उसे बढ़ाना आवश्यक है." राज्य में रोज़गार के अवसर बढ़ाने के लिए सूअर, मुर्गी, बकरी, गाय, और भैंस पालन पर भी जोर दिया जाएगा जिससे महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी. मंत्री ने अधिकारियों को राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के काम भी राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत करने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राज्य में 11 लाख 76 हजार घर बनाने के लिए स्वीकृती दी गई थी. इन सभी घरों के चारों ओर फलदार और टिंबर के पेड़ लगाने के भी निर्देश गिरीराज सिंह ने दिये. उन्होंने जोर दिया कि इन पेड़ों से भी परिवार को आमदनी होनी चाहिए.
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वर्ष 2024 तक देश की 10 करोड़ महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्य रखा गया है. राज्य में 28 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का लक्ष्यं है और अभी तक चार लाख महिलाएं लखपति बन चुकी हैं. बैठक में उन्होंने राज्य की 40 लाख महिलाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, सुरक्षा बीमा योजना, श्रमयोगी मानधन योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, आदि योजनाओं का लाभ भी पहुंचाने के निर्देश दिये. उन्होंने रोज़गार सृजन पंचायत की भी शुरुआत करने के लिए कहा और इस योजना में है महिला को Self Help Group (SHG) से जोड़ने के ही निर्देश दिए.
गिरिराज सिंह के द्वारा उठाए गए यह सारे कदम महिलाओं के भविष्य को ज़रूर सवारेंगे. पुरे देश में महिला सशक्तिकरण की बहुत बड़ी पहल की शुरुआत केंद्र सरकार ने की थी. यह पहल और भी तेजी से आगे बढ़ेगी. महिलाओं का विकास और उनकी आर्थिक आज़ादी ही समृद्ध भारत की नीव है.