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कौन कहता है महिलाएं सिर्फ घरों को संभालने के लिए बनी है. क्योंकि जिस तरह के हालात है देश में महिलाएं पुरुषों के मुकाबले बेहद तेजी से आगे बढ़ रहीं है. आज की ये खबर इसी से जुड़ी है. बात हो रही है महिला आर्मी ऑफिसर्स की, जो ऐसे पदों पर आ रहीं है.
1 अगस्त 2024 को लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर ने निदेशक जनरल चिकित्सा सेवाएं (सेना) का पदभार संभाला, इस प्रतिष्ठित पद पर नियुक्त होने वाली पहली महिला बनीं. इससे पहले, वह पदोन्नति के बाद एयर मार्शल के पद पर पहुंचने वाली पहली महिला थीं, जिन्होंने सशस्त्र बलों की अस्पताल सेवाओं के महानिदेशक का पद संभाला.
लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने पुणे के सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय से स्नातक किया और दिसंबर 1985 में सेना चिकित्सा कोर में नियुक्त हुईं. उन्होंने परिवार चिकित्सा में स्नातकोत्तर डिग्री, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य और स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन में डिप्लोमा प्राप्त किया. इसके अलावा, उन्होंने नई दिल्ली के एम्स में दो साल का चिकित्सा सूचना विज्ञान का प्रशिक्षण प्राप्त किया. उन्होंने इजरायली रक्षा बलों के साथ रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु युद्ध का प्रशिक्षण भी लिया और स्विस सशस्त्र बलों के साथ मिलिट्री मेडिकल एथिक्स का अध्ययन किया.
वह पश्चिमी वायु कमान और प्रशिक्षण कमान, भारतीय वायु सेना की पहली महिला प्रधान चिकित्सा अधिकारी भी हैं. लेफ्टिनेंट जनरल नायर को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के चिकित्सा शिक्षा घटक को ड्राफ्ट करने के लिए डॉ. कस्तूरीरंगन समिति के विशेषज्ञ सदस्य के रूप में नामित किया गया था. अपनी उल्लेखनीय सेवा के लिए, उन्हें पश्चिमी वायु कमान और वायु स्टाफ प्रमुख के प्रशंसा पत्र और भारत के राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है.
लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर ने अपने कार्य और उपलब्धियों से भारतीय सेना में महिलाओं के लिए एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है.