समृद्धि से संघठन : स्वनिर्भरता के लिए थामे हर महिला का हाथ

एमएसएमई और कृषि में जहां एनपीए 9.8% से लेकर 23% है वहीं दीदियों ने इसे 1.8% रखा है. नीड बेस्ड फाइनेंस में एनपीए नहीं होता वह फेस बेस्ड फाइनेंस में होता है. अगर SHG महिलाओं का एनपीए 1% तक हो जाए तो वो बैंक से इंसेंटिव दिलाने की कोशिश करेंगे.

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Rohan
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आया समय उठो तुम नारी
युग निर्माण तुम्हें करना है  
आज़ादी की खुदी नींव में
तुम्हें प्रगति पथ भरना है  
अपने को कमज़ोर न समझो  
जननी हो तुम सम्पूर्ण जगत की  
गौरव हो स्वयं सिद्ध हो शक्ति हो
अपनी संस्कृति की आहट हो  
तुम्हें  नया इतिहास देश का  
अपने करकमलों से रचना है.....

यह गीत जब नई दिल्ली के हाल में गूंजा तब ऐसा लगा जैसे यह सबसे बेहतर सम्मान है स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए. मौका था समृद्धि से संघठन:स्वनिर्भरता की ओर साथ साथथामे हर ग्रामीण महिला का हाथ अभियान की शुरुआत की. एक ऐसा अभियान जो भारत में आर्थिक आज़ादी के सबसे महत्वपूर्ण कदम स्वयं सहायता समूह को और मजबूत करेगा.  ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय ने यह तय किया है की 30 सितम्बर 2023 तक भारत की 10 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के जोड़ा जायेगा. इसी अभियान की शुरुआत नई दिल्ली में केबिनेट मंत्री गिरिराज सिंह ने की.  

तिनका तिनका जोड़ कर आय डे-एनआरएलएम का आजीविका मिशन आज वट वृक्ष बन चुका है. महिलाओं का एक साथ आकर समूह बनाना उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाता है. एक अलग विश्वास ,साहस और हिम्मत देता है. इसी हिम्मत से हरियाणा के मेवात ज़िले के सुनारी गाँव की सुनीता ने दिखाई जब इस भरे हॉल में माइक सँभालते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की. जय माता दी स्वयं सहायता समूह से जुडी सुनीता अपने इलाके के उड़ान क्लस्टर में भूमिका निभाती है.  

समृद्धि से संघठन अभियान भारत की करोड़ों महिलाओं के एकजुटता के सपने को साकार करने जैसा है. वहां मौजूद दीदियों ने ख़ुशी और गर्व के साथ सभी अतिथियों को पौधा देकर सम्मानित किया. यह सम्मान उन करोड़ दीदियों की तरफ से था,  जो आजीविका मिशन के साथ जुड़कर नयी राहें बना रहीं है.  

इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव स्मृति शरन ने आजीविका मिशन ग्रामीण भारत की महिलओं के जीवन में क्या बदलाव ला रहे है यह बतलाया. उन्होंने ग्राम संघठन (वीओ) और क्लस्टर लेवल फेडेरेशन (सीएलएफ) की तारीफ की. साथ ही बताया की कैसे लाख 54 हज़ार करोड़ रुपये बैंक लिंकेज प्रोग्राम के तहत बाटें गए फिर भी एनपीए 2% से कम रहा. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना से करोड़ 70 लाख SHG महिलाओं को और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना से करोड़ SHG महिलओं को जोड़ा गया. उन्होंने इस अभियान से 30 जून तक पूरी ताक़त से महिलाओं को जोड़ने की अपील की जिससे 30 सितम्बर तक 10 करोड़ दीदियों को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जा सके.  

ग्रामीण विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव चरणजीत सिंह ने SHG की तारीफ करते हुए इसे दुनिया का सबसे बड़ा अभियान बताया जिसकी बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ल्ड बैंक आई एम एफ अमेरिका और अपने बजट में प्रमुखता से करी. उन्होंने आगे बताया की इंडियन बैंक एसोसिएशन ने भी SHG के कम एनपीए की तारीफ की. साथ ही कैसे बैंकिंग कॉरेसपॉंडेंट (बीसी) दीदियों ने कोविड महामारी के दौरान 42000 करोड़ का लेनदेन भारत के कोने कोने में करने में मदद की. राज्य स्तर इस अभियान की मीटिंग करने पर भी उन्होंने ज़ोर दिया.  

ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने इस अभियान की थीम एक लक्ष्य एक पहल को समझते हुए इसे समाज कल्याण और समाज की प्रगति में मील का पत्थर बताया. उन्होंने अधिकार विहीन समूह और समुदायों पर विशेष ध्यान देने की बात करी. यह विश्वास भी दिलाया की एनआरएलएम के प्रत्येक स्तम्भ को पूरा किया जायेगा. SHG की ताक़त देखी भी है और इसे बढ़ाना भी है.  

अभियान के शुभारम्भ समारोह में 75 संकुल संघठनो (सीएलएफ) की कॉम्पेंडियम का भी विमोचन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने किया. उन्होंने अपने आप हो गर्व से भरा पाया और जब दीदियों को सुना तब उनकी पीड़ा को महसूस भी किया. उन्होंने मोदी सरकार की इस पहल को एक सामाजिक आर्थिक पहल बताया जिसमें नाबार्ड और बैंकों ने पूरी मदद करी. एमएसएमई और कृषि में जहां एनपीए 9.8% से लेकर 23% है वहीं दीदियों ने इसे 1.8% रखा है. उन्होंने बताया की ऐसा इसलिए क्योंकि नीड बेस्ड फाइनेंस में एनपीए नहीं होता वह फेस बेस्ड फाइनेंस में होता है. उन्होंने अपील करी की अगर SHG महिलाओं का एनपीए 1% तक हो जाए तो वो बैंक से इंसेंटिव दिलाने की कोशिश करेंगे. आज की स्टार्टअप की दुनिया के जैसे इनोवेटिव इनकम स्टार्टअप दीदियों के लिए भी शुरू होगा.10 करोड़ दीदियों को लखपति बनाने के लक्ष्य से भारत का भी विकास होगा. बैंकों को हिदायत दी की वह भी SHG लोन टाइमलाइन कम पास करें. साथ ही बड़ी बात यह बताई की दीनदयाल आजीविका योजना को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से जोड़कर महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. यहीं है स्वयं सहायता समूह दीदियों की क्षमता और उनकी सक्सेस स्टोरी.

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