भारत ने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर ले जाने के लिए G20 के प्लेटफॉर्म का सहारा लिया. G20 की प्रेसिडेंसी कर भारत ने दुनियाभर में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की क्रांति को अपने देश में बढ़ावा दिया. पहली G20 ‘एम्पॉवर’ बैठक उत्तर प्रदेश के आगरा में आयोजित हुई थी. इस क्रांति को और आगे ले जाने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने दूसरी G20 एम्पॉवर बैठक का आयोजन तिरुवनंतपुरम, केरल में किया. इस मीटिंग की थीम 'विमेंस एम्पॉवरमेंट: ए विन-विन फॉर इक्विटी & इकॉनोमी' रखी गई.
बैठक का उद्घाटन सत्र ‘महिला सशक्तीकरण के माध्यम से आर्थिक समृद्धि हासिल करना: 25-25 ब्रिस्बेन लक्ष्यों की ओर’ विषय पर आधारित रहा. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और वेतन के मुद्दों पर विशेष ध्यान दे रही है. महिला विकास से संबंधित कार्यक्रमों के लिए बजट बढ़ाकर 20.9% किया गया है. ग्रुप चेयरपर्सन डॉ संगीता रेड्डी ने भी चर्चा में हिस्सा लिया. महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री मुंजीपाला महेंद्र भाई ने आर्थिक समृद्धि, महिला उद्यमिता, नेतृत्व विकास और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी जैसे मुद्दों पर हो रही चर्चा में भाग लिया. G20 की इस बैठक में हुई चर्चाओं पर आधारित सुझाव और सिफारिशें G20 के नेताओं से साझा की जाएंगी.
G20 एम्पॉवर मीटिंग 2023 का फ़ोकस कैपेसिटी बिल्डिंग से महिला उद्यमिता को आगे बढ़ाने के साथ उन्हें मार्केट और फाइनेंस की पहुंच में लाने पर रहा. व्यवसाय को बढ़ाने के लिए स्टेम शिक्षा और इनोवेशन की भूमिका भी ख़ास मुद्दा रहा. आज के हालत में सबसे ज़रूरी है जमीनी स्तर पर लीडरशिप को सक्षम बनाना, इस विषय पर भी गहन चिंतन किया गया. महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण है मानसिक स्वास्थ पर ध्यान देने के साथ प्रिवेंटिव हेल्थ पर फोकस रखना. आज महिला एम्पावरमेंट की बात करें तो अच्छी शिक्षा और डिजिटल फ्लुएंसी के लिए निवेश बढ़ाना सबसे ज़रूरी होगा. साथ ही वैज्ञानिक और गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को मज़बूत करना अहम रोल अदा कर सकता है.
G20 एम्पॉवर G20 देशों में महिला केंद्रित नीतियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम क़दम है. डिजिटल जेंडर गैप को दूर कर डिजिटल जेंडर इंक्लूजन को बढ़ावा देना महिला सशक्तिकरण की ओर प्रगति को गति देगा. शिक्षा, प्रशिक्षण, डिजिटल स्किलिंग, स्थायी फाइनेंसिंग और समान वेतन से महिलाओं के रोज़गार को बढ़ावा मिलेगा और 'अमृत काल' में एक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प पूरा हो सकेगा.