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Image Credits: Chhattisgarh Jansampark
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भारत में मछली पालन एक बहुत तेजी से आगे बढ़ने वाला काम है. इसी दिशा में मध्य प्रदेश में मछली पालन के लिए श्योपुर चंबल संभाग के जिलों में सबसे आगे है. इस जिले में 164 तालाबों है जिसमें 1680 हैक्टेयर पानी और नदियों से हर वर्ष 29 सौ मीट्रिक टन मछली निकल रही है. 85 स्वयं सहायता समूह (SHG) इस कार्य से जुड़े हुए है और 1 हजार परिवारों की आजीविका तैयार हो रही है. यहां पर इस उत्पादन से हर वर्ष मछली उत्पादकों को 2 करोड़ 29 लाख रुपए की आय हो रही है. अब इस आय में और वृद्धि करने के लिए स्थानीय स्तर पर बीज उत्पादन का काम भी शुरू होगा. इससे किसानों की लागत में कमी आएगी और आय बढ़ेगी.
जिले में उत्पादन में पंगेशियस, रोहू, कतला, मृगला, कॉमन शार्क, ग्रास शार्क, सिल्वर शार्क की मांग सबसे ज्यादा है. साथ ही जिले में फिश पार्लर (Fish Parlour) भी शुरू करने की तैयार की जा रही है. जिले के कराहल, श्योपुर और विजयपुर तीनों ही ब्लॉक में मछली पालन को लेकर किसान महिलाएं और समितियां काम कर रहें हैं. इस पहल से मध्य प्रदेश में श्योपुर जिले के Self Help Groups की महिलाएं बहुत तेजी से आगे बढ़ेंगी. जिस तरह से वे हर साल करोड़ों में आय अर्जित कर रही है, सशक्तिकरण की राह पर आगे बढ़ने से इन्हे कोई नहीं रोक सकता.