काशी विश्वनाथ का मिलेट से बना ‘श्री अन्न’ प्रसाद...

महाकाल को चढ़ाए जाने वाले महा प्रसाद की काफी मान्यता है जिसे अब महिलाएं बना रही हैं.पहले ये प्रसाद अलग-अलग जगहों से आता था, 2019 से ये ज़िम्मेदारी बेला पापड़ स्वसहायता समूह को दी गई. पहले कुछ किलो में बंटने वाला ये प्रसाद आज रोज़ाना 2 क्विंटल बंट रहा है.

author-image
रविवार ब्यूरो
एडिट
New Update
KASHI VISHWANATH HOLI MILLET

Image Credits: Google Images

वाराणसी का अस्तित्व संसार में तब से है जब 'शहर' नाम तक नहीं था. संसार के सबसे प्राचीन शहरों में वाराणसी पहला रहा है. मां गंगा के तट पर स्थित इस शहर को आशीर्वाद मिला है बाबा भोलेनाथ का , जिसे हम सब काशी विश्वनाथ के रूप में पूजते है . द्वादश ज्योतिर्लिंगों की महिमा समाए श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन करने हर कोई लालायित रहता है. हम सबके साथ आदि शंकराचार्य, सन्त एकनाथ, गोस्‍वामी तुलसीदास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर कोई काशी विश्वनाथ के दर्शन और प्रसाद की कामना रखता है. 
 
भक्ति , महिमा , वैभव , आस्था , भव्यता , अध्यात्म,  विश्वास , सौहार्द का प्रतीक यह महातीर्थ आज अपने 'प्रसाद' के लिए सुर्ख़ियों में है. यहां भोलेनाथ को चढ़ाया जाने वाले महा प्रसाद की मान्यता सदियों से है जिसे आज पूरे मन , प्रेम और सात्विकता से SHG की महिलाएं बना रही हैं. पहले ये प्रसाद अलग-अलग जगहों से आया करता था, 2019 से ये ज़िम्मेदारी एक महिला स्वसहायता समूह को दे दी गई.  पहले कुछ किलो में बंटने वाला ये प्रसाद आज रोज़ाना 2 क्विंटल बंट रहा है और इसकी एक बड़ी वजह है काशी कॉरिडोर का निर्माण. प्रधानमंत्री मोदी जी का ड्रीम प्रोजेक्ट जब से हकीकत हुआ है , तब से श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में पहुंच गई है.  काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के शिलान्यास के लोकार्पण के बाद से प्रसाद की मांग को पूरा करने के लिए, SHG महिलाएं शिफ्ट में काम करती हैं.  
 
पृथ्वी के अस्तित्व में आने के दौरान सूरज की पहली किरण काशी पर पड़ी थी. आज वही काशी महिलाओं के जीवन में उनकी आर्थिक आज़ादी का सपना सच कर उम्मीद की किरण बन गया है. इस में एक कदम आगे बढ़ते हुए इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 के अंतर्गत श्री काशी विश्वनाथ धाम में मोटे अनाज (मिलेट्स) से लड्डू का प्रसाद बनाया जायेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को G20 की अध्यक्षता मिलने के बाद से ही उन्होंने मिलेट क्रांति की तरफ कदम बढ़ाए और दुनिया का ध्यान इस सुपरफूड पर ले आए. उन्होंने मिलेट्स को 'श्रीअन्न' नाम देते हुए इसे अपनी थाली में शामिल करने की अपील की. उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने बजट में इसे बढ़ावा देने के लिए अलग से प्रावधान किए. 
 
बाजरा, गुड़, तिल, काजू, बादाम, शुद्ध घी और खोआ से श्रीअन्ना प्रसादम बनाया जायेगा. अभी प्रसाद के रूप में 100 व 200 ग्राम लड्डू के पैकेट बिक्री के लिए रखे जा रहे हैं. इसके बनने से लेकर पैकिंग तक की ज़िम्मेदारी SHG महिलाएं पूरी आस्था के साथ संभालती हैं. उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि उनका बनाया प्रसाद हर श्रद्धालु, चाहे वो आम आदमी हो या कोई जानीमानी हस्ती, सभी  ग्रहण करते हैं. काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री ने भी यही प्रसाद पूरी श्रद्धा से ग्रहण किया. 
 
आस्था और महिला सशक्तिकरण के मेल का ये अनोखा दृश्य काशी विश्वनाथ में देखा गया. इस पहल से पोषण तत्वों से भरपूर मिलेट्स लोगों तक पहुंच रहा है और साथ ही महिलाओं के स्वसहायता समूहों को रोज़गार भी मिला. रविवार विचार का मानना है कि काशी विश्वनाथ की ये शुरुआत और धार्मिक स्थलों को भी अपनाना चाहिए ताकि महिलाओं की आर्थिक आज़ादी को बढ़ावा मिल सके.
इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट 2023 प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी काशी विश्वनाथ महिला सशक्तिकरण बाजरा श्रीअन्ना प्रसादम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ