माँ के हाथ का खाना खाकर सब अच्छा लगने लगता है, कोई परेशानी हो, या कोई बीमार हो. और बात ही अलग हो जाए अगर हॉस्पिटल के मरीजों को भी इतना ही पौष्टिक खाना मिलने लगे. पौष्टिक खाना पहुंचाने की ज़िम्मेदारी दी गयी स्वयं सहायता समूह (SHG) की दीदियों को, जो मरीजों के साथ पोर्टर्स को भी नुट्रिशन और स्वाद से भरपूर खाना बना कर खिलाएंगी. उत्तरप्रदेश सरकार ने Self Help Group की महिलाओं के साथ मिलकर प्रेरणा कैंटीन शुरू की. 832 CHC-PHC पर स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं ताज़ा और स्वादिष्ट भोजन बनाकर खिलाएंगी.
आजमगढ़, सीतापुर-जौनपुर, प्रतापगढ़ व प्रयागराज, सहारनपुर,रायबरेली, आगरा, बुलंदशहर, गोरखपुर आदि शहरों में यह कैंटीन काम शुरू कर चुके है.इनके साथ और भी छोटे गांव है जहा यह सुविधा प्रदान की जा रही है. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक सी. इन्दुमती ने बताया- "योगी सरकार की देखरेख में समूहों की महिलाओं की आमदनी बढ़ाने के लिये विभाग हर संभव कदम उठा रहा है. महिलाओं को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है. प्रेरणा कैंटीन संचालन के लिए ऐसी जगहों का चुना किया गया है जहां आवागमन ज़्यादा है."
स्वास्थ्य केन्द्र ही नहीं बल्कि आम लोग भी कैंटीन का उपयोग कर सकते है. सभी 832 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रेरणा कैंटीन समूहों की महिलाओं की ओर से संचालित हो रही हैं. जननी सुरक्षा के तहत गर्भवती महिलाओं को भी पौष्टिक भोजन की व्यवस्था भी इस कैंटीन के साथ सुनिश्चित की जा रही है. उत्तरप्रदेश सरकार का यह कदम SHG की महिलाओं के लिए एक बहुत बड़ा कदम है. पाक कौशल को बढ़ाने के साथ यह महिलाएं उससे आजीविका तैयार कर रही है और स्वावलम्बी बन रही है. हॉस्पिटल और आम जनता के लिए इतना पौष्टिक खाना सिर्फ उत्तरप्रदेश ही नहीं बल्कि पुरे देश में शुरू करना चाहिए.