सब्ज़ी मंडी की वो ताज़ी हरी सब्ज़ियां जो खरीदे बिना आप घर नहीं जातें, ये सब सब्ज़ियां आपके घर तक पहुंचाने की ज़िम्मेदारी लेती है कुछ महिलाएं और किसान परिवार जो दिन रात मेहनत कर के इन सब्ज़ियों को उगाते है. विकासखण्ड भरतपुर के कासीटोला गौठान की लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं पहले सब्ज़ियां सिर्फ अपने परिवार का पेट भरने के लिए उगाती थी, लेकिन जब से उन्हें शासन के 'बाड़ी विकास कार्यक्रम' के बारे में जानकारी मिली, तबसे इस कार्य को उन्होंने आर्थिक गतिविधी के रूप में शुरू कर दिया है. बाड़ी विकास कार्यक्रम से जुड़कर सप्ताह में 5 से 6 हजार रुपए की अतिरिक्त आमदनी कर रहीं इन महिलाओं ने अब तक उन्हें कुल 1 लाख रुपए की आय कर ली है.
सचिव फुलमती यादव ने बताया- "जिला प्रशासन के मार्गदर्शन एवं उद्यानिकी विभाग के सहयोग से बाड़ी में एक एकड़ में ड्रीप इरिगेशन सिस्टम स्थापित किया गया, जिससे तकनीकी रूप से सब्जी उत्पादन किया जा रहा है. अभी बाड़ी में बरबटी, तोरई, लौकी लगाए गए हैं. महिलाओं द्वारा स्थानीय साप्ताहिक बाजारों के साथ ही बहरासी के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय और छात्रावास में भी विक्रय के लिए सब्जियां भेजी जा रहीं है. अतिरिक्त आर्थिक लाभ प्राप्त होने से समूह की महिलाएं आज बहुत खुश हैं." नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम बादल निवासी कृषक श्यामा बाई नेताम के पास 08 एकड़ जमीन थी. वे 5 एकड़ में तो धान एवं अन्य फसल की खेती करती थी लेकिन 03 एकड़ जमीन बंजर थी. उस जमीन में उद्यानिकी फसल लगाने के बारे में योजना बनाई, जिसमें नलकूप, फेंसिंग लगाई और आज उस ज़मीन सभी पैसे कमा रही है.
आम के पौधों के बीच में खाली जगहों पर स्वयं के खर्च से नागपुर के कागजी नींबू के 150 पौधे खरीद कर उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों के तकनीकी मार्गदर्शन में रोपण किए. वर्ष 2022-23 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत हल्दी, अदरक क्षेत्र विस्तार में विभाग द्वारा लाभान्वित किए और उद्यानिकी विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में एवं अनुदान के तहत लाभ लेकर अनुपयोगी जमीन में 03 लाख 5000 रुपये की आमदनी प्राप्त हुआ, जिससे कृषक की आर्थिक विकास से स्थानीय लोगों को साल भर रोजगार भी मिला. कोरिया जिले में सरकार का यह पहल महिलाओं और किसानो के लिए बहुत बड़ा कदम साबित हुआ. इस तरह की योजनाएं हर राज्य की सरकार को शुरू करनी चाहिए ताकि महिलाएं शशक्तिकरण की ओर तेजी से बढ़े.