महिलाओं का सशक्तिकरण भारत सरकार का एक प्रार्थमिक मुद्दा बन चूका है. राज्य की सरकारें भी महिलाओं के लिए हर समय नयी परियोजनाएं बनाती रहती है. मध्यप्रदेश सरकार की लाड़ली बहना योजना से लेकर महाराष्ट्र की लेक लाड़ली योजना, सबका केंद्र महिलाओं और लड़कियों का विकास है. इसके साथ ही महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों (SHGs)से जोड़ना भी सरकार अपना लक्ष्य बना चुकी है. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में 45 लाख महिलाओं को Self Help Group से जोड़कर वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाएगी.
इस क्रम में अकेले प्रयागराज में 78 हजार महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के SHG से जुड़कर महिलाओं ने अभी तक बेहतरीन काम किया जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में परिवार की स्थिति बहुत सुधरी है. महिलाओं ने कमीशन से लाखों की आय भी अर्जित की. पिछले दिनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसका ऐलान मंच से किया था. 30 जून तक जिले में तीन लाख 18 हजार महिलाएं समूह से जुड़ जाएंगी. उत्तर प्रदेश की सरकार का यह कदम महिलाओं के जीवन को बदलने के लिए एक बहुत बड़ी पहल साबित होगा. यूपी के साथ जिस तरह से देश में महिला सशक्तिकरण पर काम किया जा रहा है, वह दिन दूर नहीं जब भारत महिलाओं के साथ तेजी से आगे बढ़ेगा.