आत्मनिर्भर बनकर सरकार को कर रही मदद

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ दिलाने के लिए समूह की सदस्य महिलाएं ही साथ दे रहीं हैं. सरकार खुद इसे प्रदेश की आर्थिक मजबूती और महिलाओं के स्वाभिमान के लिए अच्छा मान रही है.

New Update
 Ladli Behna yojana

उमरिया में लाड़ली बहना योजना आयोजन में हिस्सा लेती महिलाएं (फोटो क्रेडिट- रविवार विचार)

मजदूरी से बाहर निकल कर आत्मनिर्भर महिलाओं की ताकत का असर दिखने लगा है. प्रदेश के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अब बड़ी भूमिका में नज़र आ रहीं हैं. यहां तक कि सरकार इनकी ताकत को देखते हुए इनकी मदद ले रही है.पूरे प्रदेश में चल रही मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना का लाभ दिलाने के लिए समूह की सदस्य महिलाएं ही साथ दे रहीं हैं. सरकार खुद इसे प्रदेश की आर्थिक मजबूती और महिलाओं के स्वाभिमान के लिए अच्छा मान रही है.जिले में ही समूह की दस हजार महिलाओं ने मैदान संभाला और खुद की क्षमता को साबित कर दिया. हाल ही में उमरिया जिले में आयोजित कैंप में बड़ी संख्या में समूह की महिलाओं ने हिस्सा लिया और लाभ मिलने वाली महिलाओं को सहयोग किया. इस आयोजन में खुद कलेक्टर केडी त्रिपाठी और सीईओ इला तिवारी मौजूद रही.  

 Ladli Behna yojana

आयोजन में कई तरह की प्रतियोगिताएं का आयोजन हुआ (फोटो क्रेडिट- रविवार विचार)

उमरिया में आयोजित कैंप में महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई आयोजन भी किए गए. इसमें महिला एवं बाल विकास विभाग से जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता,सेक्टर सुपरवाइज़र,सहित आजीविका मिशन से जुड़े समूह की महिलाओं ने लाभार्थियों को फॉर्म भरवाए और योजना के बारे में समझाया. कार्यक्रम जिला अधिकारी भरत सिंह राजपूत ने बताया कि विभिन्न विभागों से जुड़ी लगभग 16 हजार महिलाओं ने भाग लिया. इसमें मेहंदी प्रतियोगिता सहित दूसरी गतिविधियां की गईं.इसमें महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार भी दिए गए. 

 Ladli Behna yojana

आयोजन में फूलों और मेंहदी आर्ट का प्रदर्शन भी हुआ (फोटो क्रेडिट- रविवार विचार)

जिले में लाड़ली बहना योजना के प्रचार-प्रसार के लिए और उसकी प्रक्रिया को समझने के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने हर गांव तक घर-घर दस्तक दी. आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक प्रमोद शुक्ला कहते हैं -" जिले में समूह की लगभग दस हजार महिलाओं ने इस योजना में अपनी भूमिका निभाई. कई गांव में महिलाओं को इस योजना की सही जानकारी नहीं थी. उसको समझाने और फॉर्म भरवाने में ये महिलाएं ही आगे रहीं." मलिया गुढा गांव की समूह सदस्य राधा बाई कहती हैं -"हमें ख़ुशी है कि खुद अब आत्मनिर्भर हो गए और महिला साथियों कि मदद कर पा रहे." 

जिले में अब तक बड़ी संख्या में महिलाओं ने योजना का लाभ लेने के लिए फॉर्म भरे. सीईओ इला तिवारी कहती हैं -"स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं ने बहुत सकारात्मक काम किया.दूसरे विभाग की महिलाओं ने भी साथ दिया. स्थानीय बोली में वे इस योजना की प्रक्रिया और इससे मिलने वाले लाभ को बहुत अच्छे से समझा सकीं. यही वजह अधिक से अधिक महिलाओं को लाभ मिल सकेगा."

आत्मनिर्भर लाड़ली बहना योजना सीईओ इला तिवारी उमरिया जिले