देश में ऐसी बहुत सी योजनाएं चल रही है जो देश को महिला सशक्तिकरण की ओर ले जा रही है. इस योजनाओं का सकारात्मक परिणाम भी अब दिखना शुरू हो गया है. इन्ही परिणामों में से एक है हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सिरमौर जिले में चाकली पंचायत के तहत निहोग ग्राम में शिक्षा स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं, जिन्होंने चीड़ (pine needle) से रोज़गार के विकल्प तैयार करने शुरू कर दिए है. Himachal Pradesh के इस क्षेत्र में चीड़ अधिक मात्रा में पाया जाता है. इस self help group की महिलाएं चीड़ के सुईनुमा पत्तों से अनेक प्रकार के आकर्षक डेकोरेशन उत्पाद, घरेलू उत्पाद बना रही हैं. ये उत्पाद स्थानीय बाजार के साथ साथ दिल्ली इत्यादि में भी लोकप्रिय हो रहे हैं.
शिक्षा self help group की प्रशिक्षक ओमिता कंवर ने बताया- "इन महिलाएं आज अपने हुनर से अच्छी आमदनी का स्त्रोत बना पा रही है. इन उत्पादों में चीड़ के सूखे पत्तों और रंगीन धागों का प्रयोग किया जाता है. इन समूहों को बाहरी राज्यों से भी ऑर्डर मिलने लगे हैं. प्रदर्शनियों के माध्यम से इन उत्पादों को बेचा जाता है." उल्लेखनीय है कि शिक्षा स्वयं सहायता समूह की इन महिलाओं ने चीड़ की पातियों को रोजगार में बदलकर अपना खुद का रोजगार कमाया है जो कि अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा का अच्छा उदाहरण है. देश की हर महिला को इनसे मनोबल मिलेगा ताकि वे भी अपना रोज़गार शुरू कर पाएं और अपने जीवन को खुशहाल बना पाएं.