साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानेंगी SHG महिलाएं

मुरैना के अंबाह विकासखंड में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए साइबर सुरक्षा से जुड़ा हुआ प्रशिक्षण सत्र रखा गया. प्रशिक्षण सत्र का आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से मुख्य नगरपालिका अधिकारी डॉ. इच्छा गढ़पाले के मार्गदर्शन में किया गया. 

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रिसिका जोशी
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Cyber Security

Image Credits: IEEE innovation At Work

'इंटरनेट'- सबसे बड़ी ज़रूरत बन चूका है यह शब्द, जिसके बिना व्यक्ति का गुज़ारा एक भी दिन नहीं हो पा रहा है. फायदे अनगिनत है, और ज़रूरत भी बहुत है. लेकिन जिस चीज़ के फायदे इतने हो उसके नुक्सान भी बहुत होते है, यह बात इंटरनेट की कहानी पर एकदम सही लागू होती है. टीम बेरनास ली ,जो की इंटरनेट के फाउंडर है उन्होंने जब इस अनोखी चीज़ को बनाया होगा तब उन्होंने इसके नुकसानों के बारे में कुछ नहीं सोचा होगा. इंटरनेट बना था हमारे फायदे के लिए लेकिन आज इससे जुड़ी फ्रॉड की इतनी कहानियां सामने है कि, व्यक्ति डर चूका है. ऐसे में साइबर सिक्योरिटी के बारे में लोगो को सिखाना और जागृत करना, एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी बन चुकी है. मुरैना के अंबाह विकासखंड में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए साइबर सुरक्षा से जुड़ा हुआ प्रशिक्षण सत्र रखा गया. प्रशिक्षण सत्र का आयोजन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के सहयोग से मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) डॉ. इच्छा गढ़पाले के मार्गदर्शन में किया गया. 

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए कार्यक्रम में खंडवा के लोक शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के विशेषज्ञ लोकेंद्र सिंह भदौरिया और निखिल विजयवर्गीय भी मौजूद थे. लोकेन्द्र सिंह भदौरिया ने SHG महिलाओं को समझाया- "अपना वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) किसी के साथ साझा ना करें, खासकर अगर किसी अज्ञात नंबर से फोन आता है. एसएमएस या मैसेजिंग एप्लिकेशन के माध्यम से प्राप्त किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका इस्तेमाल बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए किया जा सकता है." निखिल विजयवर्गीय ने कहा, "किसी को भी वयस्क वेबसाइटों या ऐसी किसी भी वेबसाइट को सर्फ नहीं करना चाहिए जो संदिग्ध या गड़बड़ हो. अपनी ईमेल आईडी और पासवर्ड किसी के साथ साझा ना करें. कार्यक्रम में फिशिंग स्कैम, एटीएम कार्ड से संबंधित जानकारी, वेबसाइट से संबंधित जानकारी और अन्य प्रकार के साइबर अपराधों की जानकारी भी दी गई.

मुरैना में यह प्रयास एक बहुत अच्छी पहल है क्यूंकि आए दिन ऐसे केसेस सामने आ जाते है जहां ऐसा कोई न कोई फ्रॉड होता है. महिलायों के साथ यह इसीलिए बहुत होता है क्युकि वे इस प्रकार के बैंक-सम्बंधित काम नहीं करतीं. लेकिन यह जानकारी होना बहुत आवश्यक है. देश के हर व्यक्ति को साइबर सिक्योरिटी के बारे में पता होना चाहिए. भारत सरकार को यह पहल हर गांव-कस्बे में शुरू करनी चाहिए ताकि आज की महिला सही और गलत में फैसला करने में आसानी महसूस करे. 

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