इन दिनों Essential Oils का cosmetic market में बहुत ज़्यादा उपयोग हो रहा है. शहरी महिलाएं इन Oils का इस्तेमाल लगभग हर तरीके से कर रही है. Cosmetic Industry भारत देश में बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसान महिलाओं का इस industry से जुड़ना बहुत फयदेमंद साबित होगा. छत्तीसगढ़ के तिल्दा विकासखण्ड के ओटगन गांव का गौठान रायपुर जिले में जल्द ही नीलगिरी, खस, मैंथा और लेमनग्रास के तेल का स्थानीय उत्पादक बन जाएगा. इस गोठान में लगी प्रोसेसिंग यूनिट में महिलाओं ने काम शुरू कर दिया है. कामधेनु महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) की सदस्यों ने इस यूनिट से अब तक 60 लीटर से अधिक तेल का उत्पादन भी कर लिया है. रायपुर के स्थानीय बाजार में इस औषधीय तेल को बेचकर SHG की महिलाओं को लगभग 50 हजार रूपये का फायदा हुआ है.
राज्य शासन ग्रामीणों की आय बढ़ाने के लिए स्थापित इस ओटगन गौठान को अब औषधीय और सुगंधित पौधों के हब के रूप में विकसित कर रही है. ओटगन गांव की सचिव संकुतला नारंग ने बताया- "गांव के गौठान में सुगंधित पौधों से तेल निकालने की यूनिट लग जाने से महिलाओं में बड़ा उत्साह है. इस तेल को स्थानीय बाजार में औसतन आठ सौ रूपये लीटर के भाव से बेचकर self help group की महिलाएं अच्छी खासी आमदनी कर रही है."
ओटगन गौठान को 45 एकड़ के एरिया में ग्रामीण औद्योगिक हब के रूप में तैयार करने की योजना है. अभी इस गौठान में मुर्गी पालन, बकरी पालन, फूल की खेती, वर्मी कम्पोस्ट, मधुमक्खी पालन, गुलाल निर्माण, गोबर के दीये आदि बनाने का काम किया जा रहा है. गौठान में बने वर्मी और सुपर कम्पोस्ट को बेंचकर महिला SHGs को 2 लाख रूपये का फायदा हुआ है. वर्तमान में इस गौठान से जुड़े समूह की महिलाओं को लगभग साढ़े पांच हजार रूपये की औसतन मासिक आय हो रही है. महिला समूहों कीहर महीने की आय को साढ़े सात हजार रूपये तक बढ़ाने की योजना है. रायपुर के महिला SHGs इस रोजगार के साथ बहुत तेजी से आगे बढ़ेंगी क्यूंकि cosmetic industry हर दिन अपना market बढ़ा रही है. छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से लिया गया यह कदम महिलाओं के लिए बहुत लाभकारी साबित होगा.