पानी के लिए सर पर मटके रख मीलों दूर जाना, लम्बी लाइनों में इंतज़ार और पानी की रोज़ यही मारा-मारी. ये 90 के दशक की मूवी का सीन नहीं पर आज भी कई ग्रामीण इलाकों की असलियत है. स्वास्थ्य, पर्यावरण, सफाई - सब पानी से जुड़ा हुआ है. पानी तक आसान पहुंच न होने की वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए स्वसहायता समूह की महिलाओं ने मोर्चा संभाला. जागरूकता फैलाकर, समाज के लोगों को एक जुट लाकर और सरकार की योजनाओं को ज़मीनी स्तर पर लागू करवाने में अहम भूमिका निभाई. जल शक्ति मंत्रालय ने ऐसी महिलाओं के योगदान को सराहा जिन्होंने चुनौतियों से निडर होकर न केवल पानी की कमी को दूर करने के उपाय खोजे बल्कि वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छता पर जागरूकता फैलाई, बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल वेस्ट प्रबंधन करवा कर लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा भी की.
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 'स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023' जल, सैनिटेशन और स्वच्छता (वॉश) की 36 महिला चैंपियनों को पेश किया. विजेताओं से आग्रह किया कि वे अपनी सफलता और साहस की कहानियां अपने गावों और कस्बों तक लेकर जायें और पर्यावरण को बचाने वाली हर प्रेक्टिस को लागू करने के लिए प्रेरित करें. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक SHG ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्लास्टिक वेस्ट से सजावट का सामान बनाया. इससे न केवल उन्हें कमाई का ज़रिया मिला, बल्कि प्लास्टिक वेस्ट को रीसायकल भी किया. ओडिशा के जाजपुर जिले में सुजानपुर ग्राम पंचायत की सरपंच बिष्णुप्रिया महकुद SHG की मदद से वेस्ट मैनेजमेंट की बेस्ट प्रेक्टिस को लागू करवा रही है. घरेलू और सामुदायिक स्तर पर कचरे को अलग करने और उसे सही तरह से फेंकने के बारे में जागरूक कर खाद भी बनवा रही है.
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SHG की मदद से 8,000 की आबादी वाले 4 गांवों- दुर्गापुर, हसनपुर, काशीपुर और सुजानपुर को खुले में शौच मुक्त (ODF) प्लस मॉडल बना दिया. आज न केवल घर बल्कि दुकानदार, संस्थान और स्कूल भी कचरे को अलग करके और बायोडिग्रेडेबल कचरे से खाद बनाकर आस-पास की जगहों को स्वच्छ रख रहे हैं. इन सभी गांवों में आज डेंगू, मलेरिया, पीलिया जैसी पानी से उपजी बीमारियां न के बराबर हैं.
इसी तरह, जल जीवन मिशन के तहत देश भर के गांवों में महिला SHG द्वारा सराहनीय काम किया गया. कई सालों से जहां नल कनेक्शन नहीं हो पा रहे थे वहां आज समूह की महिलाओं ने हर घर में नल कनेक्शन करवा स्वच्छ पेयजल पहुंचाया. टैक्स कलेक्शन, पाइपलाइन को सुधरवाने और जल प्रबंधन को मज़बूती से लागू करने का भी काम किया.
हर घर नल योजना की सफलता का श्रेय इन महिलाओं को भी जाता है जिन्होंने सरकार की मदद कर इस योजना को हर तबके के लोगों तक पहुंचाया और साबित किया कि ठान लो तो हर चुनौती का समाधान निकला जा सकता है.
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