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Image Credits: google Images
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एक महिला शादी करके अपने परिवार को छोड़कर किसी और के घर सिर्फ़ अपने अरमानों के साथ जाती है. वो चाहती है इस नयी जगह को अपना बना ले और वहां सुरक्षित रहे. लेकिन कभी कभी उसकी इतनी छोटी सी उम्मीद भी पूरी नहीं होती और वो ना जाने कितने अपराधों का शिकार बन जाती है.
घरेलु अपराध की करीब 6900 शिकायतें 2022 में दर्ज की गयी, ये तो वो शिकायते है जो सामने आई. कितनी ही महिलाएं अपने घर में चुपचाप इस हैवानियत को झेलती है. कुछ महिलाएं ही इस हालात को समाज और प्रशासन के सामने ला पाती है.
शराब घरेलु हिंसा का एक बहुत बड़ा कारण है. आए दिन हमें ये खबरे सुनने मिल जाती है, और हम इन बातो को सुन के अनसुना कर देते है. बस ये ही तो अंतर है हम में और SHG की महिलाओं में. जो की न सिर्फ आर्थिक आज़ादी के लिए लड़ रहीं है बल्कि सामाजिक बदलाव लाने में भी काम कर रही हैं.
जैसे ओडिशा के खुरदा जिले के सरणाई गांव में SHG की कुछ महिलाओं ने सामाजिक और आर्थिक परेशानियां बढ़ते देख, शराब की एक गैरकानूनी दूकान को तोड़ दी. इन SHG महिलाओं ने पहले प्रशासन से मदद मांगी, लेकिन लंबे इंतज़ार के बाद भी प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए. परेशान होकर उन्होंने खुद कुछ करने की ठानी और बातचीत की सारी कोशिशें नाकामयाब होने के बाद, सारी SHG महिलाओं ने सामाजिक बुराई की प्रतीक उस दुकान को तहसनहस कर दिया.
महिलाओं ने बताया - "ये गैरकानूनी दूकान 3 लोग मिल के चला रहे थे. हमने लगातार शिकायतों की लेकिन ना तो पुलिस न ही किसी अधिकारी ने कुछ किया. "उस दुकान और अहाते में मौजूद असामाजिक तत्वों की वजह से गांव की महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया था.
कहानी चाहे महिला सशक्तीकरण की हो, पढाई लिखाई को बढ़ावा देने की हो, सामाजिक बुराइयों को ख़त्म करने की हो SHG दीदियां कभी पीछे नहीं रहती. SHG महिलाएं घरेलू हिंसा, छेड़छाड़, दहेज जैसे सामाजिक अपराध और कुरीतियों से लड़ने में बहुत कारगार भूमिका निभा सकती है. SHG महिलाओं को अब यह मंत्र अपनाना चाहिए की जो भी करेगा गलत काम, भरना पड़ेगा उसको दाम.