देश में जब से सरकार का स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत हुई है, देश का हर राज्य अपने स्तर पर कार्य करने की प्रक्रिया में लगे हुए है. कचरे की रीसाइक्लिंग और स्टोरेज पर सबसे ज़्यादा ध्यान दिया जाता है क्यूंकि वह सबसे बड़ी समस्या है. महाराष्ट्र, देश का एक विकसित राज्य, कचरा प्रबंधन को लेकर बहुत तेजी से काम कर रहा है. हाल ही में कचरा प्रबंधन पर महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) को शिक्षित करने के लिए, पनवेल नगर निगम (PMC) ने 15 महिला स्वयं सहायता समूहों के साथ सूरत नगर निगम का एक दौरा किया. अध्ययन दौरे में कुल 39 महिलाओं ने भाग लिया, जिनमें स्वास्थ्य निरीक्षक अरुण एम. कांबले, स्वच्छता निरीक्षक धनश्री पीवाल, लिपिक अक्षता रोकाडे, मुकादम अरुणा जाधव, और मुकादम भारती डी सहित प्रमुख नगरपालिका अधिकारी शामिल थे.
महिला प्रतिभागियों ने Surat Nagar Nigam के 'Integrated Command and Control Center' का दौरा किया और रात में mechanical and manual road की सफाई, waste recycling facilities, plastic management projects और waste management initiatives क बारे में समझा. उपायुक्त सचिन पवार, जिन्होंने अध्ययन दौरे का को लीड किया, ने कहा- "हमने oraganic पदार्थों से बने वर्मीकम्पोस्ट और inorganic सामग्रियों से बने विभिन्न प्रकार के paver blocks पर बहुमूल्य जानकारी एकत्र की." सूरत नगर निगम से प्रेरित होकर, PMC का मक़्सद solid waste management के माध्यम से आय बढ़ाना और रोजगार पैदा करना है. सचिन पवार ने आश्वासन दिया कि- "हम पनवेल शहर में इसी तरह की पहल को लागू करने का प्रयास करेंगे." Self Help Groups को इस दौरे पर ले जाना उनके काम में बहुत बदलाव देखने को मिलेगा. महिलाएं काम में भी डेवलपमेंट होगा, तो उनकी आय में बढ़ोतरी होगी.