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Image Credits: The New Indian Express (Image for Representation Purposes Only)
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स्कूल में अपने दोस्तों के साथ बैठ कर खाना खाने में जो मज़ा है उसकी बात ही कुछ और है. महिलाएं अपने बच्चों को बहुत कुछ बना कर देतीं है, और चाहतीं हैं, की वे जो भी खाएं वो पौष्टिक और स्वादिष्ट हो. अपने बच्चों के लिए तो हर माँ कुछ ना कुछ बनाती ही हैं, लेकिन तमिलनाडु में स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को अब स्कूल के बच्चों के लिए भी पौष्टिक नास्ता बनाना होगा. 1 जून से शुरू हो रही 'मुख्यमंत्री नाश्ता योजना' शुरू होने जा रही हैं, जिसमें प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए SHG महिलाओं को खाना बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा हैं. सभी पंचायत संघों में दो दिन का यह प्रशिक्षण तेजी से गति पकड़ पकड़ रहा हैं.
रानीपेट के कलेक्टर एस वलारमथी (S.Valarmathi) ने कहा- "हालांकि self help group की महिलाओं को इस बार कम से कम लगभग 20 बच्चों के लिए खाना बनाने के लिए अपनाई जाने वाली सामग्री और उपायों पर प्रशिक्षित किया जा रहा हैं." महलिर थिट्टम (Mahalir Thittam) के सहायक परियोजना अधिकारी आर अरुण कुमार (R.Arun Kumar) के बताया- "इस तरह के प्रशिक्षण सत्र अराक्कोनम और शोलिंगुर ब्लॉक में 6 बैचों के साथ पूरे हो चुके हैं. प्रत्येक बैच में लगभग 30 से अधिक SHG महिलाएं शामिल थी." जिला प्रशासन ने 26 बैचों के माध्यम से कुल 948 SHG महिलाओं को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है. इन महिलाओं को प्रदान की जाने वाली प्रशिक्षण पुस्तिका में लगभग 25 छात्रों के लिए नाश्ता बनाने के लिए सामग्री की सूची शामिल है.
मेन्यू में चावल का घी उप्पुमा, गेहूं रवा उप्पूमा, रवा वेज उप्पुमा, सेमिया वेज उप्पुमा, चोलम वेज उप्पुमा, रवा पोंगल, पोंगल, रवा केसरी, सेमिया केसरी और सांभर शामिल हैं. छोटे बच्चों के लिए यह पहल एक बहुत अच्छा कदम हैं. इससे उन्हें स्वादिस्ट और पौष्टिक खाना मिलेगा. महिलाएं भी इस कार्य से अपने लिए आजीविका का एक अच्छा स्त्रोत बना पाएंगी, और सशक्तिकरण की और एक कदम और बढ़ा पाएंगी.