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Image Credits: Google Images
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आज तक SHG महिलाओं के बारे में जितना पढ़ा, उसमे हमेशा उनके अंदर का जोश और जज़्बा साफ़ दिखा. SHG से जुड़ी किसी भी महिला की कहानी से ये ही समझ आएगा कि उन्होंने अपना हक़ पाने के लिए और जीवन सुधारने के लिए हर मुमकिन काम किया. लेकिन शायद एक कमी जो लगभग हर ग्रामीण महिला की ज़िन्दगी में रह गयी, वो है पढ़ाई लिखाई.
गांव की महिलाओं को उनके घर में ही इतना दबा छुपा के रखा गया कि उन्हें कभी पढ़ने-लिखने की ज़रूरत ही महसूस नहीं हुई. लेकिन जैसा हम जानते हैं बीज को मिट्टी में दबाया ही इसलिए जाता है ताकि वो अपनी जड़ो को मज़बूत कर पूरी ताकत के साथ बाहर निकले और हरियाली फैलाएं.
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय ने साथ मिलकर कुछ ऐसा ही करने की ठानी. गुरुवार को दोनों मंत्रालयों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जो गरीब महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वरोज़गार, और कौशल विकास को बढ़ावा देगा. इन महिलाओं को ऐसे बहुत से विषयों के बारे में पढ़ाया जाएगा जो कि इन्हे आत्मनिर्भर बनाएंगे.
इस समझौते को समझने से पहले, इन दोनों मंत्रालयों के बारे मे थोड़ी जानकारी ले लेते हैं. 'आयुष (Ayush) मंत्रालय' मोदी सरकार के कार्यकाल में 2014, नवंबर 9 को बनाया गया. यह मंत्रालय 5 चिकित्सा तकनीकों को मिला के बना, जो है आयुर्वेद, योग और नेचरोपैथी, यूनानी, सिद्धा और होमियोपैथी. इस मंत्रालय का काम सभी चिकित्सा तकनीकों के बारे में पढ़ना और रिसर्च करना है. ग्रामीण विकास मंत्रालय हमारे देश के गावों में विकास का काम करता है. भारत के जितने भी गांव हैं, उनमें सामाजिक और आर्थिक सुधार के सारे काम यही मंत्रालय देखता है.
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देश की गरीब महिलाओं और युवाओं जिनको अलग-अलग कारणों से कभी पढ़ाई करने की आज़ादी नहीं मिली या वो किसी कारण से पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए उनके सुनहरे भविष्य के लिए ही ये समझौताकिया गया. इन्हें आयुष मंत्रालय की मदद से बहुत से विषयों पर ट्रेनिंग दी जाएगी जैसे आयुर्वेदिक पद्धति ,पंचकर्म, कपिंग थेरेपी, क्षरा कर्मा आदि.
इस समझौते पर परिवहन भवन में केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय पंचायत मंत्री गिरिराज सिंह के सामने आयुष मंत्रालय के सलाहकार मनोज नसारी और ग्रामीण विकास मंत्रालय के जॉइंट सेक्रेटरी कर्मा जिम्पा भूटिया ने हस्ताक्षर किये. अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान की निदेशक डॉ तनूजा मनोज नेसरी ने कहा कि इन दोनों मंत्रालयों के बीच का सहयोग भारत में आयुर्वेद के भविष्य को बहुत बढ़ावा देगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोस्ट बजट वेबिनार में कहा भी था - "भारतीय आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग पूरी दुनिया में ज़ोरो-शोरो से बढ़ रही है."
इस तरह के प्रयास जो कि हमारी सरकार ने SHG की महिलाओं के लिए किये, यह आगे जा कर बहुत बड़े-बड़े अवसर बनायेंगे और हमारी महिलाएं देश का नाम रोशन करेंगी.