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हमें जब भी लगता हैं की घर में दाल चावल खत्म हो गए हैं, हम तुरंत जाकर किराने की दूकान से ले आतें हैं. लेकिन ज़रूरी नहीं की हर व्यक्ति को राशन खरीदने में इतनी आसानी होती हो. मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के एक गांव गुलावट में भी कुछ ऐसे ही हाल थे. लेकिन प्रदेश सरकार के हल ही में लिए गए कदम के बाद अब गांव वासियों को राशन के लिए दूसरे गांव में जाने की जरूरत नहीं होगी. गांव में ही दुकान से राशन मिलने में आसानी होगी. उचित मूल्य की इस दुकान के संचालन की जिम्मेदारी सरकार ने गांव के महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) प्रतिनिधियों को दी. गुलावाट गांव में चार आजीविका self help group काम कर रहे हैं. इससे महिलाओं की आर्थिक आमदानी भी बढ़ेगी और उन्हें फायदा होगा.
गुलावट में सांसद शंकर लालवानी और कलेक्टर इलैया राजा टी ने नई शासकीय उचित मूल्य दुकान की सौगात दी और गांव वासियों को राशन भी उपलब्ध कराया. पहले यहां के उपभोक्ताओं को राशन लेने के लिए लगभग तीन से चार किलोमीटर दूर कराड़िया गांव जाना पड़ता था. शासकीय उचित मूल्य दुकान से दो गांव गुलावट और लोंदिया मोहम्मदपुरा को जोड़ा गया. इन गांवों के 108 पात्र परिवारों को राशन की सुविधा स्थानीय स्तर पर ही मिलने लगेगी. गांव वासियों के साथ महिलाओं को भी अपनी आजीविका बनाने का एक मौका दिया हैं सरकार ने. यह पहल महिला SHG के लिए सशक्तिकरण की ओर बढ़ने का एक नया कदम साबित होगा.